बंधन वन से आते समय नही था मन में यह विचार। इंसानो की बस्ती में ऐसे होगा सत्कार।। याद आ रहा बचपन अपना जंगल में मंगल था कितना। माँ की पीठ पर बैठे बैठे।। मंजिल होती पार। भरा भरा था वानर कुनबा झगड़ा प्रेम सभी था अपना। मन में गांठ ...
Read More »साहित्य/वीडियो
बेबसी
बेबसी आते रहा करो दोस्त कुछ पल के लिए दिल बहल जाता है। वर्ना बेबसी के इस आलम में कौन किसके काम आता है।
Read More »सूनी धरा सूना गहन
सूनी धरा सूना गहन सूनी धरा सूना गगन कैसे बांटे यह अकेलापन वह निहारे बैठ कर मुंडेर पर.. दिखता नहीं अपना कोई दूर तक गैरों से उम्मीद भी क्या करे सब हैं अपने में मगन इसको हिस्से में मिला सूनी धरा सूना गगन
Read More »रम्मो
संध्या का छुटपुटा हो गया था। अंधेरा धीरे-धीरे पाँव पसार रहा था। जीवन संगीत मद्धिम पड़़ रहा था। दिनभर की भागदौड़ के बाद एक शांति। सूर्य देव भी विश्राम के इरादे से अस्ताचल गामी हो गए थे। न जाने क्यों वीरेंद्र बाबू का मन भी डूबा जा रहा था…रम्मो! रम्मो! ...
Read More »गणतंत्र का यही तकाज़ा
गणतंत्र का यही तकाज़ा आओ हम भी गणतंत्र मनाए एक तिरंगा जरूर फैहराये तिरंगा बलिदानों से मिला है सेनानियों की शहादत से मिला है बाबा साहब ने जो संविधान दिया उसकी हम वर्षगांठ मनाए। पर,क्या संविधान पर चल रहे हम उसको सर्वोच्च मान रहे है हम संविधान में तो जनता ...
Read More »लखनऊ में 12 से होगा राजकमल का किताब उत्सव
नई दिल्ली/लखनऊ। 12 जनवरी से लखनऊ में किताब उत्सव का आयोजन हो रहा है। गोमती नगर स्थित अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में आयोजित यह कार्यक्रम 16 जनवरी तक चलेगा। राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित इस पाँचलखनऊ में 12 से होगा राजकमल का किताब उत्सव दिवसीय महोत्सव में लखनऊ शहर के ...
Read More »फिल्म लेखक वेदिक द्विवेदी छात्रसंघ पर लिख रहे किताब, किए ये बड़े खुलासे
अपनी हाल ही में आई पुस्तक रामेश्वरा की बड़ी सफलता के बाद फिल्म लेखक वेदिक द्विवेदी द्वारा उनके दूसरे पुस्तक पर काम किया जा रहा है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह कहा कि पुस्तक का नाम छात्रसंघ है। जिसमें राजनीति की तीखी चटपटी नोक झोंक के साथ ही इतने ...
Read More »एकलव्य का अंगूठा
स्कूल यूनीफॉर्म का मोजा पहनते ही पांच में से तीन अंगुलियां बाहर आ गईं। विधवा मां ने देखा तो उसकी समझ में नहीं आया कि क्या किया जाए। पर समझदारी तो उसने बेटे को बचपन में ही पिला दी थी। इसलिए दीनू यानी दिनेश ने कहा, “मां आज स्टेट डिबेट ...
Read More »शर्मसार
जिया पाश्चात्य रंग में रंगी हुई एक बिगड़ैल लड़की थी. पिता भी उसके पहनावे और व्यवहार को गलत नहीं कहते। किन्तु माँ जरूर हमेशा आपत्ति जताती रहती। लेकिन माँ की सुनता कौन? घर में माँ पूजा पाठ करती तो वह प्रसाद भी नहीं खाती, “क्या मॉम कब तक पुरानी रीति ...
Read More »पाकेट मनी: खून और आंसू
उसने बड़ी तेज आवाज के साथ अपने कमरे का दरवाजा खोला, बैग पलंग पर पटकते हुए मुँह के बल लेट गया। स्कूली ड्रेस और जूते भी नहीं उतारे थे उसने। दरवाजे की तेज आवाज सुनकर माँ चौंक गईं, घबराते हुए बोल पडी़ं क्या हुआ बेटा…। कमरे में जाकर देखा तो ...
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