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साहित्य/वीडियो

यादगार होली

नीतू शादी के बाद जब पहली बार ससुराल आई तो उसे क्या पता था कि उसका पति एक महीना रह कर विदेश चला जाएगा। अभी हाथ की मेंहदी भी नहीं सुखी थी और पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा उसका पति उसे छोड़ कर दुबई चला गया। नीतू को उसकी ...

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पिज्जा

हाईवे पर बने विशाल फूड जोन में केवला को नौकरी मिल गई थी। बस, कोने में खड़े रहना था और टेबल खाली होते ही उस पर पड़ी डिसें और नैपकिन सहित सारे कचरे को उठाकर डस्टबीन में डाल कर टेबल साफ करना था। पहले ही दिन महंगी गाड़ियों से आने ...

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मम्मी

किटी पार्टी जमी हुई थी। अचानक बच्चों की कहानियां कहने की बात चली तो मिसेज रावत ने कहा, “भई कहानी वहानी तो हमें आती नहीं, फिर घर में दादा-दादी किस लिए हैं। इन लोगों से कुछ तो कराना ही चाहिए।” यह सुन कर सभी महिलाएं हंस पड़ीं। तभी पीछे से ...

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मां-बाप को बच्चे से प्यार करना चाहिए उसके रिजल्ट से नहीं

करन क्या रहे हो? परीक्षा से एक दिन पहले पढ़ाई करना चाहिए कि तुम फोटोस्टेट कराने जा रहे हो? और हां, अगर इस बार पास नहीं हुए तो ठीक नहीं होगा। दुकान पर बैठना पड़ेगा… चलो बैठ कर पढ़ाई करो। करन अपने पिता केशवलाल से बहुत डरता था। पहले क्लास ...

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ऊपरवाला सब देख रहा है…

रंजीत के पास धंधे के तमाम विकल्प थे, पर उसे सीसी टीवी का धंधा कुछ ज्यादा ही पसंद था। एयरकंडीशन से ले कर टीवी तक, सभी का इंस्टोलेशन करने के लिए वह आदमी भेजता था, पर सीसी टीवी कैमरे के लिए वह खुद ही जाता था। हर सीसी टीवी कैमरा ...

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उपकार

रमाशंकर की कार जैसे हो सोसायटी के गेट में घुसी, गार्ड ने उन्हें रोक कर कहा, “साहब, यह महाशय आपके नाम और पते की चिट्ठी ले कर न जाने कब से भटक रहे हैं।” रमाशंकर ने चिट्ठी ले कर देखा, नाम और पता तो उन्हीं का था, पर जब उन्होंने ...

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पुस्तक समीक्षा : जंग जारी है

मध्य प्रदेश शिवपुर निवासी कमल राठौर साहिल साहित्य प्रेमी होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्री, राष्ट्रीय स्तर से सम्मानित कवि कलमकार है। इनके एकल काव्य संग्रह की पुस्तक “जंग जारी है” को यदि समीक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो, यह एक कविताओं का समागम है। इसमें कमल जी की कई श्रेष्ठ ...

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सर्दी का मौसम

सर्दी का मौसम सर्दी का है मौसम आया। आसमान में बादल छाया। रात लगी है पर फैलाने, शाम हुई कि कोहरा छाया। सर्दी का मौसम है आया।। सूरज ने जब धूप चमकाई। देह तपी, धरती गरमाई। स्वेटर मफलर अब लगें सही, मूंगफली मिल सबने खाया। सर्दी का है मौसम आया।। ...

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बच्चे को बच्चा ही रहने दें, बच्चा जितना मुक्त और हल्का रहेगा, उतना ही खिलेगा

‘कृतार्थ बेटा, तुम बड़े हो न? छोटे भाई को तुम्हारा खिलौना चाहिए तो दे दो न। बेटा तुम बड़े हो, तुम्हें समझना चाहिए।’ ज्यादातर घरों में दो बच्चे होते हैं तो वहां यही समस्या होती ही है। एक पर प्यार का दरिया बहता है तो दूसरे को समझदारी का पाठ ...

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कुछ तो ऐसा करके जाएं

कुछ तो ऐसा करके जाएं कुछ तो ऐसे काम करें हम, कुछ ऐसा किरदार निभाऍं। सुकर्मो की साख लिए संग लोगों के दिल में बस जाऍं।। ईर्ष्या वैर ना रखे किसी से कपट ना छल ना धोखा करना। खुशी में बेशक जा न सके तो दुःख में सबके साथ निभाऍं।। ...

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