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साहित्य/वीडियो

शिक्षक दीपक शिष्य है बाती, बढ़ते चलना संघ संघाती…

एक शिक्षक के लिए उसके छात्र के हित से बड़ा कुछ नहीं। यह कहावत दीपा मैडम ने सार्थक कर दिखाया। वह एक ऐसे स्कूल को बदलने का बीड़ा उठा कर चली जिसके लिए कई दशकों से किसी ने सुधार का एक कदम भी नहीं बढ़ाया था। लोग कहते-क्या यह विद्यालय ...

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दूसरी औरत में आख़िर क्या ढूँढते हो!

“क्यूँ अपनी चौखट के चाँद में ही दाग नज़र आता है, परायों के दागदार माहताब में भी नूर नज़र आता है” आजकल समाज में जो दिख रहा है, चल रहा है लग्नेत्तर संबंध का ड्रामा उस पर गौर करते एक सवाल उठता है कि, एक शादीशुदा मर्द दूसरी औरत में ...

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साइंस से समाजवाद

साइंस से समाजवाद वर्षो पहले मनोरंजन मतलब राजा महराजा जो वह देखते प्रजा कहाँ देख़ पाती साइंस की तरक्की ने सब को सुलभ क़र दिया फिर सिनेमा हो टीव्ही हो टिकटॉक या रील सब को एक प्लेटफार्म पर लाया है वीआईपी से वीआईपी मिलता था साइंस ने सुलभ कर दिया ...

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आँखे

मैं अपने रिजर्वेशन कोच में बैठा, सामने वाली सीट पर कोई नहीं था। मैंने अपना लगेज व्यवस्थित रखा और मोबाइल चलाने लगा, क्यूंकि अभी गाड़ी चलने में दस मिनिट का समय था, आसपास काफ़ी शौर गुल, हो रहा था। कभी चाय वाले की आवाज़ तो कभी ठंडा गर्म,कुछ आवाजे बच्चों ...

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बच्चें दो ही अच्छे!

आज अपनी कामवाली बाई से कुछ बातें हुई! आज उसने पाँच हज़ार रुपये एडवांस मांगे, मैंने ऐसे ही पूछा किस लिए चाहिए? तो बोली, मैडम रूम का भाड़ा देना है! इस महीने दो बच्चें बिमार हो गए तो पगार उनकी दवाई में खर्च हो गया। क्या बताऊँ..जब वो गरीब दो ...

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एक ख्वाहिश

एक ख्वाहिश रहे यूं ही तेरा साथ सदा मेरी यही एक ख्वाहिश है। तू ही मिले हर जन्म में मुझे खुदा से यही फरमाइश है।। नाज है मुझे अपने आप पर क्योंकि तू जो मेरी किस्मत है। रूठना, मनाना तो चलता ही रहेगा तेरी पलकों की छांव में ही जन्नत ...

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भीड़ में अकेले

विपिन आधारविहीन दरख्त के समान आँगन के मध्य बाँस-बल्लियों पर लेटे थे। सातों बच्चे, उनके जीवनसाथी तथा युवा-किशोर पोता-पोती, नाती-नातिन बार-बार पछाड़ें खाते उनके निष्प्राण शरीर पर गिरे जा रहे थे। देरी होने का हवाला देकर परिवारजन विपिन को लेकर चले गए। लंबे वैवाहिक जीवन में वह न के बराबर ...

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भगवान विश्वकर्मा, शिल्प कौशल के दिव्य वास्तुकार

विश्वकर्मा शिल्प कौशल के हिंदू देवता और देवताओं के वास्तुकार हैं। उन्होंने महलों, विमानों और देवताओं के दिव्य हथियारों को डिजाइन किया और बनाया। वह ब्रह्मांड के वास्तुकार भी हैं। उन्हें समर्पित विश्वकर्मा पुराण नामक एक पुराण है जिसमें उन्हें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव का निर्माता माना ...

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भाई दूज का उपहार

माँ इस बार मैं आपकी नहीं सुनूँगा, दीदी की शादी को तीन साल हो गए! इस बार भाईदूज मैं दीदी के घर ही मनाऊँगा। “तुम हर बार मुझे ये कहकर रोक देती हो की बेटियों के घर बार-बार नहीं जाना चाहिए, कह कर रोहित संजना के घर जाने की तैयारी ...

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त्योहारी आनंद

बेटा रमेश, इस बार दिवाली के लिए कब आ रहे हो आप लोग ? पिताजी ने पूछा। इस बार आ पाना मुश्किल लग रहा है पापा। आपको तो पता ही है कि पुलिस की नौकरी में छुट्टियाँ आसानी से कहाँ मिलती हैं। ऊपर से अब तो आचार-संहिता भी लागू हो ...

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