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देश में बढ़ती महंगाई पर कांग्रेस ने मांगा केंद्र सरकार से हिसाब-“मोदी का संघवाद सहयोगी नहीं है…”

पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को लेकर जहां एक ओर देश की जनता परेशान है, तो वहीं दूसरी ओर सरकार और विपक्ष के बीच भी घमासान छिड़ा हुआ है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री ने जनता को महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत देने के लिए राज्यों को नसीहत दी, तो अब कांग्रेस नेता ने सरकार पर जबरदस्ती का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।

 राहुल गांधी ने कहा है सरकार हर चीज के लिए सिर्फ राज्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करती है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा कि ईंधन की ऊंची कीमतों के लिए राज्य दोषी, कोयले की कमी के लिए राज्य दोषी और ऑक्सीजन की कमी के लिए भी राज्य दोषी।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य सरकारों द्वारा वैट वसूलने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी ईंधन करों का 68 फीसदी तो केंद्र सरकार द्वारा लिया जाता है। फिर भी, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जिम्मेदारी से बचते हैं।

प्रधानमंत्री की इस नसीहत के तुरंत बाद ही सियासी घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस ने तो केंद्र सरकार से उत्पाद शुल्क से जुटाए पैसों का हिसाब तक मांग डाला। कांग्रेस ने कहा कि यूपीए शासल काल में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये था। जो कि अब भाजपा सरकार में बढ़कर पेट्रोल पर 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये हो गया है।

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