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विश्व रक्तदाता दिवस पर हुई संगोष्ठी

• स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं ने किया रक्तदान

• आठ क्षयरोगियों को दी गयी पोषण पोटली

औरैया। रक्तदान एक महादान है। मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं हैं। इसको बनाया नहीं जा सकता है। यह सिर्फ स्वैच्छिक प्रयास से ही मिल सकता है। यह कहना है प्राचार्य डॉ एके सिंह का। वह बुधवार को विश्व रक्तदाता दिवस पर जिला क्षयरोग केंद्र में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ खून की जगह खून ही नहीं बल्कि खून में पाये जाने वाले कंपोनेंट के आधार पर खून को विभाजित भी किया जाता हैं। रक्त से चार अवयव/कंपोनेंट यानी लाल रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा, प्लेटलेटस और क्रायोप्रेसीपिटेट बनता है। ऐसे में आपके एक यूनिट रक्त से सैकड़ों मरीजों में जिस मरीज को जिस कंपोनेंट की आवश्यकता होती है को दिया जा सकता है।

विश्व रक्तदाता दिवस पर हुई संगोष्ठी

उन्होंने कहा की रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्तदाता का आभार व्यक्त करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर दुनियाभर के लोगों को जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि खून की कमी से किसी मरीज की जान न जाए।

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इसके साथ ही संगोष्ठी के दौरान आठ उपस्थित क्षयरोगियों (टीबी मरीजों) को जागरूक करने के साथ साथ चिकित्सकों द्वारा बताई गई दवाइयों व उचित पोषक आहार नियमित रूप से सेवन करने की सलाह दी गयी व आवश्यक पोषक तत्वों गुड़, चना, सोयाबीन बड़ी, दलिया, मिल्कपाउडर आदि को सम्मिलित करते हुए पोषण पोटली भी वितरित की गई।  रक्तकोष के जिला समन्वयक विनय कुमार ने बताया की एलआईसी बिल्डिंग, आवास विकास औरैया में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 10 लोगों ने रक्तदान किया।

विश्व रक्तदाता दिवस पर हुई संगोष्ठी

100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुलदीप यादव ने रक्तदान का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई भी पुण्य का कार्य नहीं है। हमें समय-समय पर रक्तदान कर पुण्य के इस कार्य में सहभागिता निभाना चाहिए। जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ संत कुमार ने रक्तदान से संबंधी आवश्यक जानकारी दी। उप जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एपी सिंह ने कहा कि हमें लोगों को रक्तदान के बारे में जागृत कर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए।

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इस कार्यक्रम में जाइंट्स ग्रुप ऑफ औरैया, रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रतिनिधियों सहित जिला प्राधिकरण के कर्मचारी , जिला पीपीएम समन्वयक रविभान सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।

यह भी जानें

• रक्तदान 18 वर्ष से 65 वर्ष का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है।
• रक्तदान के दौरान सामान्यतः 350 मिली लीटर लिया जाता है।
• रक्तदान में करीब 10 मिनट का समय लगता है और हर तीन माह में रक्तदान किया जा सकता है।

विश्व रक्तदाता दिवस पर हुई संगोष्ठी
• रक्तदान से शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है।
• रक्तदाता का हीमोग्लोबिन 12॰5 ग्राम प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।
• रक्तदाता का वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना चाहिए।
• रक्त चार प्रकार का होता है। ए, बी, ओ और एबी। इसे आरएच पॉज़िटिव और आरएच निगेटिव में बांट दिया जाता है।

रक्तदान के लाभ

• रक्तदान के तुरन्त बाद ही नई लाल कोशिकाएं बनने से शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है।
• रक्तदान करते रहने से दिल की बीमारी में पांच प्रतिशत कमी आती है। साथ ही अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील रहती है।
• रक्त द्वारा संक्रमित होने वाली बीमारियां की नैट विधि द्वारा स्वतः जांच हो जाती है।
• आवश्यकता पड़ने पर रक्तदाता कार्ड के बदले रक्तकोष से रक्त मिल जाता है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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