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परदेस में भी ‘सेवा’ के जरिये मदद कर रहे ‘अपने’

लम्भुआ/सुलतानपुर। कोरोना से जंग लड़ रहे लोगों को मदद पहुँचाने में ‘अपने’ भी पीछे नहीं हैं। इलाके के साधन संपन्न लोगों ने ‘परदेस’ में भी खुले हाथ से मदद की है। अफसर हों या व्यवसायी, नौकरीपेशा लोग हों या राजनीति से जुड़े लोग इलाके के इन्हीं लोगों के जरिये इमदाद का यह सिलसिला अब भी जारी है। जाति-धर्म से ऊपर होकर इनकी मदद से लोग गौरवान्वित हो रहे हैं। जी हां, मूलतः जिले के लम्भुआ तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों के इन विशिष्टजनों की तारीफ हो रही है।

बात करते हैं,समीप के दुल्हापुर गांव निवासी आईपीएस अफसर व आजमगढ़ रेंज के डीआईजी सुभाष दूबे की। आजमगढ़, बलिया व मऊ जिले में वे जरूरतमन्दों को करीब एक लाख राशन किट वितरित कर चुके हैं। अपने गांव में प्रत्येक परिवार को गमछा, साबुन और मास्क दे चुके हैं। समीप के रानीपुर गांव निवासी बबलू सिंह सूरत में अपना व्यवसाय करते हैं। सूरत – अहमदाबाद में जिले के खासकर लम्भुआ क्षेत्र के करीब 200 लोगों को राशन किट उपलब्ध करा चुके हैं। किट में दाल- चावल- आटा- मसाला-तेल आदि की व्यवस्था रहती है। तमरसेपुर निवासी अजय तिवारी भाजपा से जुड़े हुए हैं। इनका मुंबई में व्यवसाय भी है। लॉक डाउन में गोपीनाथपुर के 14 लोग मुंबई में फंसे हुए थे। अजय ने उन्हें राशन व नकदी भिजवाई है।

भदैया गांव के आठ लोगों की दिल्ली, गारवपुर व सोनावा गांव के क्रमशः 11 व छः लोगों को गुड़गांव में मदद भेजी गई। वे अब तक करीब एक सौ लोगों की मदद कर चुके हैं। इसी तरह से तातोमुरैनी के सईद खान मुंबई, तरही के कैलाश सिंह गाजियाबाद, रामनगर (चांदा) निवासी व ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि विनोद मिश्रा नोएडा, तेरये निवासी लखनऊ में केमिकल के कारोबार से जुड़े गजेन्द्र सिंह भी जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं।

इलाके के अफसर भी इस आपदा में पीछे नहीं हैं। खसड़े गांव निवासी पीसीएस अफसर व एडीएम गाजियाबाद शैलेन्द्र सिंह, शिवगढ़ निवासी व कानपुर देहात में एसडीएम आनन्द सिंह, गरये गांव निवासी व रायबरेली में एसडीएम जीत लाल सैनी भी अपने दायित्व के साथ ही जिले के लोगों की मदद में जुटे हुए हैं।

प्रवासियों का मिल रहा सहयोग अतुलनीय: विधायक

भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने कहा है कि आपदा के समय में भी प्रवासी लम्भुआवसियो का सहयोग अतुलनीय है। मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद सरीखे बड़े शहरों में जरूरतमन्दों की मदद वाकई मुश्किल काम था।

लेकिन इलाके के लोगों ने जिस साहस के साथ मदद की है, वह बेमिसाल है। प्रदेश व देश के अन्य हिस्सों में तैनात लम्भुआ के अफसरों ने भी लोगों को सुविधा दिलाने में सहयोग किया है। इलाज, वाहन पास, राशन किट, नकद की यह मदद लंबे समय तक याद की जाती रहेगी।

रिपोर्ट-संतोष पांडेय

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