Breaking News

राज्यपाल के संबोधन में समाज बोध

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का सन्देश सदैव शिक्षाप्रद होता है। वह विद्यार्थियों को समाज के प्रति संवेदनशील रहने की प्रेरणा देती है। शिक्षा केवल अपने लिए नहीं होती,बल्कि इसके माध्यम से समाज को भी लाभान्वित करने का विचार होना चाहिए। प्रत्येक विद्यार्थी के देश व समाज की सेवा के प्रति सजग रहना चाहिए। आनन्दी बेन के अनुसार शिक्षा से व्यक्ति में समाज बोध का विकास होता है। वह समाज के सभी अंगों के प्रति आदर,समन्वय एवं सहयोग की भावना को आत्मसात करता है।

इस प्रकार व्यक्ति को पूर्णता प्रदान कर एक जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। सार्थक शिक्षा व्यक्ति के वैयक्तिक एवं सामाजिक उद्देश्यों में समन्वय स्थापित कर उसे अपने जीवन के लक्ष्यों का चयन करने एवं उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरणा प्रदान करती है। आनंदीबेन पटेल ने आज ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित किया। आनन्दी बेन ने विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में छोटे बच्चों को बुलाने की अपनी अभिनव परम्परा को यहां भी कायम रखा। उन्होंने इन बच्चों को स्कूल बैग प्रदान कर उत्साहित किया। प्रसिद्ध कवि अशोक चक्रधर को भी मानद उपाधि प्रदान की गई। राज्यपाल ने कहा कि संस्थान के विद्यार्थी अपने साथ ही परिवार,समाज और राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान प्रदान करेगें।

भाषा क्षेत्र में शोध वृद्धि

राज्यपाल ने कहा कि भाषा के क्षेत्र में शोध कार्यों को बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही विलुप्त हो रही भाषाओं के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इस विश्वविद्यालय ने विलुप्त हो रही भाषाओं के संरक्षण के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति भाषा विश्वविद्यालय की अवधारणा को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने के साथ ही विलुप्त हो रही भाषाओ के संरक्षण हेतु भी परामर्श प्रदान करेगी। विशेषज्ञों का यह अध्ययन एवं परामर्श भाषाओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि भाषा अभिव्यक्ति माध्यम होती है। इसी से ज्ञान विज्ञान का संचयन और विस्तार होता है।

व्यापक शिक्षा नीति

राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति की अवधारणा के अनुसार ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में भाषाओं की शिक्षा प्रदान करने के साथ ही साथ विज्ञान,सामाजिक विज्ञान,शिक्षा शास्त्र, वाणिज्य,व्यवसाय, प्रशासन,पत्रकारिता एवं जनसंचार एवं प्राविधिक शिक्षा जैसे पाठ्यक्रम संचालित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि विश्वविद्यालय में भाषाओं के पाठ्यक्रम को रोजगारपरक बनाने के लिए भी कार्य प्रारंभ हुआ है। इसके लिए विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर मॉर्डन यूरोपियन एंड एशियन लैंग्वेज की स्थापना की गई है। साथ ही साथ जर्मन, फ्रेंच, जापानीज और कोरियन भाषाओं के पाठ्यक्रम शुरू करने की पहल की गई है। राज्यपाल ने कहा कि भाषा को प्रौद्योगिकी से जोड़ने के प्रयास करें ताकि विश्वविद्यालय विश्व प्रसिद्ध बन सकें।

डॉ. दिनेश शर्मा ने किया संबोधित

दीक्षांत समारोह को उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाषा विश्वविद्यालय ने अल्प समय में ऊंचाइयों को छुआ है। नई शिक्षा नीति में भी इसी प्रकार के भाषा विश्वविद्यालय की कल्पना की गयी है। विश्वविद्यालय द्वारा आनलाइन शिक्षा,शोध पत्रों का प्रकाशन डिजिटल लाइब्रेरी की दिशा में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रही भाषाओं पर गंभीरता पूर्वक शोध किया जाना नितांत आवश्यक है।

About Samar Saleel

Check Also

भगवान गणेश के विधिवत पूजन अर्चन के साथ हुआ 173 पूर्वी विधानसभा चुनावी कार्यालय का उद्घाटन

लखनऊ। भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना के साथ लखनऊ पूर्वी विधानसभा चुनाव कार्यालय का ...