भारतीय चिंतन में सदैव सकारात्मक विचारों को महत्व दिया गया। आज भी भारत के जैसी विविधता व अभिव्यक्ति की आजादी किसी अन्य देश में दिखाई नहीं देती। इस आधार पर किसानों ने नाम पर चाल रहे आंदोलन को कसौटी पर परखा जा सकता है। यह आंदोलन सकारात्मक होता तो सरकार ...
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