मंदिरों में लगने वाला भोग भी अब FSSAI अप्रूव्ड होगा. इसके साथ गुरुद्वारों और दूसरे धार्मिक स्थलों में बांटे जाने वाला प्रसाद भी मानकों के मुताबिक बनेगा. इसके लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने ब्लेसफुल हाइजेनिक ऑफरिंग टु गॉड (भोग) योजना शुरू की है.
इसके तहत धार्मिक स्थलों के आसपास के मिठाई दुकानदारों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ उनकी दुकान पर बनी मिठाइयों का परीक्षण कर सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. योजना के तहत सर्टिफिकेट जारी होने के बाद एफएसडीए की टीमें भी मंदिरों के आसपास के दुकानों पर नजर रखेंगी और समय-समय पर वहां बन रही मिठाइयों की जांच करेंगी.
जांच के दौरान किसी सामान में गड़बड़ी मिलने पर इसकी रिपोर्ट एफएसएसएआई को भेजी जाएगी. ऐसी हालत में दुकानदार का लाइसेंस निलंबित या निरस्त करने के साथ उस पर वाद भी चलाया जाएगा.
5 धार्मिक स्थलों से होगी शुरुआत
भोग योजना के तहत पहले चरण में एफएसडीए ने लखनऊ के पांच मंदिर चुने हैं. इनमें हनुमान सेतु मंदिर, अलीगंज का पुराना महावीर मंदिर, डालीगंज का मनकामेश्वर महादेव मंदिर, विकासनगर का गुलाचीन मंदिर और आशियाना गुरुद्वारा शामिल है. फिलहाल इन धार्मिक स्थलों के आसपास की प्रसाद की दुकानों की भी सूची बनाई जा रही है. एफएसएसएआई की टीम यहां के कारीगरों को ट्रेनिंग देगी. इसके साथ गुरुद्वारे में लंगर बनाने वालों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा.
भंडारे-लंगर के लिए सर्टिफिकेट जरूरी
एफएसडीए के डीओ डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ‘भोग’ योजना सभी धार्मिक स्थलों के लिए है. मस्जिदों के आसपास बांटे जाने वाले खाद्य पदार्थ भी इस योजना में शामिल किए जाएंगे. इसके अलावा भंडारे और लंगर के भी सर्टिफिकेट लेना होगा.