सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को कहा कि सेना कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभा रही है। उन्होंने कहा वायरस का प्रकोप वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है और यह दुनिया के लिए ”बड़ा खतरा” बन गया है। चीन के हुबेई प्रांत से लाए गए लोगों के लिए भारतीय सेना ने दिल्ली के पास मानेसर में एक पृथक केंद्र बनाया है।
शनिवार की सुबह, एअर इंडिया के विशाल बी747 विमान के जरिए चीन में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित वुहान से 324 भारतीयों को नयी दिल्ली लाया गया। मानेसर में पृथक केंद्र बनाने में सेना की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी वैश्विक रूप धारण कर चुका है।
जनरल ने कहा, “कोरोना वायरस वैश्विक रूप धारण कर चुका है और हम इसे दुनिया के लिए बड़े खतरे के रूप में देख रहे हैं। इसलिए इसे देखते हुए, सभी देशों को संभव उपायों के लिए साथ आना होगा ताकि इस खतरे/महामारी को बेहतर तरीके से और निचले स्तर पर रोका जा सके और इसी दिशा में हम हमारी भूमिका अदा कर रहे हैं।”
जनरल नरवणे यहां महाराष्ट्र में बंबई इंजीनियरिंग ग्रुप के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रखे गए कार्यक्रम से अलग संवाददाताओं से बात कर रहे थे। चीन में कोरोना वायरस प्रकोप के चलते मृतकों की संख्या 259 पर पहुंच गई है और संक्रमण के कुल मामले 11,791 हो गए हैं।
इस बीच कई देशों ने वायरस के केंद्र, हुबेई प्रांत से अपने नागरिकों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
अभियंताओं की भूमिका पर सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य में युद्ध तकनीकी एवं नेटवर्क केंद्रित होने वाले हैं। साथ ही उन्होंने सीमा के आस-पास अवसंरचना संबंधी कार्यों में अभियंताओं की भूमिका के बारे में पूछने पर कहा कि “क्षमता निर्माण” जारी प्रक्रिया है और जब भी सड़क, पुल या बैरेक संबंधी निर्माण कार्य होगा, अभियंताओं की भूमिका इनमें बड़ी रहेगी।