लखनऊ और गोरखपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसका ट्रायल रन शनिवार से शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक रूट की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
इस बात की संभावना है कि यह ट्रेन अयोध्या को भी जोड़ सकती है। इसका उद्घाटन सात जुलाई को होने की संभावना है। पीएम मोदी हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं।
गोरखपुर के लिए यह पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। इस रूट पर अभी तक शताब्दी भी नहीं चलती है। गोरखपुर और लखनऊ के बीच गोरखधाम एक्सप्रेस और बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलती हैं। यात्रा में फिलहाल चार घंटे और 45 मिनट लगते हैं।
अयोध्या और लखनऊ के बीच कई ट्रेनें चलती हैं। लेकिन, अयोध्या से गोरखपुर तक ट्रेन कनेक्टिविटी सीमित है। न्यूज 18 ने रेलवे के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि बस्ती रूट पर ट्रायल रन किया गया है, लेकिन मंत्रालय ने अयोध्या रूट पर ट्रेन चलने की संभावना से इनकार नहीं किया है।
ट्रायल रन के लिए चुने गए रूट के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ”वंदे भारत एक्सप्रेस की एक खाली रेक शनिवार को लखनऊ पहुंची और बाद में दिन में गोरखपुर के लिए रवाना हो गई।” अधिकारी ने कहा कि ट्रेन ने लखनऊ से गोरखपुर के लिए बस्ती का रास्ता अपनाया है।
इस महीने तीन वंदे भारत एक्सप्रेस रवाना किए जाने की संभावना है। ये लखनऊ और गोरखपुर, चेन्नई और तिरूपति के साथ-साथ जोधपुर और अहमदाबाद के बीच चलेगी। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ”प्रधानमंत्री 7 जुलाई को गोरखपुर जाएंगे। संभावना है कि वह वहीं से इन ट्रेनों का उद्घाटन कर सकते हैं।”
नए साल में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। इस बात की संभावना है कि अयोध्या को भी इस ट्रेन से जोड़ा जा सकता है। यह पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र के लिए पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। फिलहाल दिल्ली और वाराणसी के बीच यह ट्रेन चलती है। इसके अलावा, दिल्ली-देहरादून और दिल्ली-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस का भी उत्तर प्रदेश में स्टॉपेज है।