Breaking News

पुकार

पुकार

कितनी बार पुकारा तुमको,
लौट के आ जाती आवाज। 
ना प्रतिउत्तर ना छवि है ध्यान,
मोहपाश में है लाचार।

सूखी नदिया सूखे ताल,
अखियों में फिर भी बरसात।
सुनी अनसुनी हुई पुकार,
एक तरफा सा है व्यवहार।
लौट के आ जाती आवाज।।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

About Samar Saleel

Check Also

रम्मो

संध्या का छुटपुटा हो गया था। अंधेरा धीरे-धीरे पाँव पसार रहा था। जीवन संगीत मद्धिम ...