लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने आज जनपद-लखनऊ में बेलीकलां सम्पर्क मार्ग पर सेल ग्रिड तकनीक का प्रयोग कर सीसी रोड बनाये जाने के प्रयोगात्मक कार्य का शुभारम्भ किया।
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लोक निर्माण मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विभाग द्वारा लगातार नवीन तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देकर उच्चस्तरीय सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे जहां एक तरफ़ सड़क निर्माण की लागत में कमी लायी जा रही है वहीं दूसरी तरफ़ उच्च गुणवत्तायुक्त सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में पूरे प्रदेश में पर्यावरण अनुकूल ग्रीन तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग द्वारा सीसी रोड निर्माण में सेल ग्रिड तकनीक के प्रयोग को प्रारम्भ किया जा रहा है।
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Aइस नयी तकनीक का प्रयोग कर कम लागत में मजबूत एवं टिकाऊ सीसी रोड का निर्माण किया जा सकेगा है। इस तकनीक से बनी सीसी रोड यदि कहीं क्षतिग्रस्त होती है तो केवल क्षतिग्रस्त हिस्से को ही आसानी से रिपेयर भी किया जा सकेगा। सेल ग्रिड तकनीक से निर्मित सीसी रोड के सफल होने के बाद प्रदेश के अन्य हिस्सों में सीसी रोड का निर्माण कराया जाएगा।
लखनऊ में बेली कला से प्रेसवार्ता लाइव https://t.co/qjG9UDj6x8
— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (मोदी का परिवार) (@JitinPrasada) June 1, 2023
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सेल ग्रिड एक भरोसेमंद जीओ सिन्थैटिक प्रोडक्ट है जिसका सीसी रोड के निर्माण में प्रयोग कर एनवायरमेंट को सुरक्षित रखा जा सकता है एवं सीसी रोड के निर्माण में उपयोग में लाए जाने वाले खनिजों के खनन में कमी लायी जा सकती है। सेल ग्रिड का प्रयोग कर सामान्य तकनीक से बनाये जा रहे सीसी मार्ग की मोटाई में सामान्यतः 02.00 सेमी कम हो जाती है जबकि क्षमता उतनी ही होती है।
सेल ग्रिड तकनीक का प्रयोग सामान्यतः 02 से 05 एमएसए (मिलियन स्टैंडर्ड एक्सल) यातायात हेतु प्रयोग कर सीसी रोड का निमार्ण कराया जाता है। सेल ग्रिड तकनीक का प्रयोग कर सी0सी0 रोड को इंटरलॉकिंग सिस्टम की तरह देखा जाता है। सेल ग्रिड का प्रयोग कर सीसी रोड बनाये जाने की डिजाइन आईआईटी भुवनेश्वर द्वारा विकसित की गई है। इस तकनीक में एम0-30 ग्रेड के कंक्रीट का प्रयोग किये जाने की सलाह दी जाती है।
इस तकनीक से बनाई गई कंक्रीट रोड की Modulus 2500 MPA तथा Poisson’S Ratio 0.25 है। सेल ग्रिड तकनीक से बनायी गई सीसी रोड़ सामान्य तकनीक से बनाये जाने वाले सी0सी0 रोड की मोटाई से 2.00 सेमी0 तक कम हो जाने से जो बचत होती है उसी बचत से सेल ग्रिड का प्रयोग कर लिया जाता है, इस हेतु किसी अतिरिक्त धन की आवश्यकता नहीं होती है।