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बच्चों के जन्म के बीच अंतर माँ व शिशु की सेहत के जरूरी : डॉ अंजू दुबे

कानपुर। भारत में जनसंख्या विस्फोट की समस्या एक लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है, ऐसे में स्वास्थ्य एवं आर्थिक दोनों पक्षों को देखते हुए जनसंख्या का नियोजित होना बहुत आवश्यक हो गया है। साथ ही यह भी बहुत जरूरी है की बच्चों के जन्म में निर्धारित अंतर रखा जाये, जिससे महिला एवं बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो।

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परिवार नियोजन दो बच्चों में अंतर बनाए रखने के लिए एवं बढ़ती हुई जनसंख्या को नियोजित करने के लिए बहुत उपयोगी है। यह कहना है अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ अंजू दुबे का। डा दुबे मंगलवार को मां कांशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर में विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित कर रहीं थी।

बच्चों के जन्म के बीच अंतर माँ व शिशु की सेहत के जरूरी : डॉ अंजू दुबे

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आलोक रंजन ने सीएमओ कार्यालय परिसर से सारथी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के दस ब्लाक के लिए दो-दो सारथी वाहन संचालित किए जाएंगे। नगरीय क्षेत्र के लिए दो सारथी वाहन संचालित किए जाएंगे।

इस तरह पूरे जनपद में 22 सारथी वाहन परिवार नियोजन के स्थायी साधन (महिला व पुरुष नसबंदी) और अस्थाई साधन (अंतरा, छाया, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, कंडोम आदि गर्भनिरोधक साधन) के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगे।

बच्चों के जन्म के बीच अंतर माँ व शिशु की सेहत के जरूरी : डॉ अंजू दुबे

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह ने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य जनसाधारण को सीमित परिवार के लाभों के बारे में जागरूक करने के साथ ही परिवार नियोजन को गति प्रदान करना है।

उन्होंने सभी आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) से कहा कि समुदाय को माला एन, छाया, कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी आदि के बारे में जानकारी दी जाये। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ आरएन सिंह ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी महिला समिति की ओर से सास-बेटा-बहू सम्मेलन आयोजित कर परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

बच्चों के जन्म के बीच अंतर माँ व शिशु की सेहत के जरूरी : डॉ अंजू दुबे

इस दौरान अपर निदेशक ने परिवार नियोजन स्टाल्स का भी जायज़ा लिया और परिवार नियोजन परामर्शदाता किस तरह परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करते हैं यह भी जाना। इस अवसर पर राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ आरएन सिंह, वीबीडी नोडल डॉ आरपी मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ नवीन चंद्रा , राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) व डीसीपीएम, एनयूएचएम के जिला समन्वयक सहित सहयोगी संस्थाओं- यूपीटीएसयू और पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

युवा दंपति को बेहतर सेहत का ‘आशीर्वाद’

विश्व जनसंख्या दिवस पर जनपद के सभी सामुदायिक व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों सहित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ऐसे युवक-युवतियों से परिवार नियोजन पर संवाद करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आशीर्वाद अभियान शुरू किया है, जिनका विवाह एक साल के अंदर हुआ है। अभियान के तहत महिला की लम्बाई और वजन मापा गया।

बच्चों के जन्म के बीच अंतर माँ व शिशु की सेहत के जरूरी : डॉ अंजू दुबे

ब्लड प्रेशर, खून, हीमोग्लोबिन और शुगर की जांच की गयी। अभियान के तहत जाँच रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में संभावित उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) से बचाव के लिए एनीमिया, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, न्यूट्रिशन के बारे में परामर्श प्रदान किया गया।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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