लखनऊ। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा (Rajesh Verma) ने मंगलवार को आयोग कार्यालय, इंदिरा भवन, लखनऊ में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों की सुनवाई की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय लिया गया, जिनमें मजदूरी दिलाने, गलत तरीके से दर्ज मुकदमों की जांच और नियुक्ति बहाली से जुड़े मामले शामिल थे।
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बहराइच निवासी राधेश्याम विश्वकर्मा ने शिवशक्ति इंटरप्राइजेज के ठेकेदार से मजदूरी दिलाने की शिकायत की थी। इस पर पुलिस अधीक्षक आरएन सिंह ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। ठेकेदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित कार्यवाही की गई। आयोग अध्यक्ष ने इस पर पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली की सराहना करते हुए अन्य जनपदों के पुलिस अधिकारियों को भी इसी प्रकार गरीबों एवं पिछड़ों की शिकायतों के प्रति संवेदनशील होने की सलाह दी।
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अरविंद कुमार वर्मा बनाम पुलिस आयुक्त लखनऊ के मामले में शिकायतकर्ता ने भू-माफियाओं की शह पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गलत तरीके से मुकदमा दर्ज किए जाने की शिकायत की। सुनवाई के दौरान सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश दिए। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी 2025 को होगी।
दीपशिखा सैनी बनाम अधिशाषी अभियंता, नलकूप खंड, सिद्धार्थनगर के मामले में अभियंता की ओर से अवगत कराया गया कि शिकायतकर्ता के देयकों का भुगतान कर दिया गया है। शाल्वी वर्मा बनाम निदेशक, एनएचएम, उत्तर प्रदेश के मामले में शिकायतकर्ता की नियुक्ति बहाल कर, उन्हें जिला चिकित्सालय सहारनपुर में तैनाती देने की जानकारी आयोग को दी गई।
सुनवाई के दौरान कई मामलों में संबंधित अधिकारी अनुपस्थित रहे, जिस पर आयोग अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि सुनवाई के दौरान अधिकारी अनुपस्थित पाए गए, तो उनके विरुद्ध शासन को पत्र भेजकर कार्यवाही की सिफारिश की जाएगी।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी