लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RMLNLU) में आयोजित तीन दिवसीय संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता (Parliamentary Debate Competition) रचनात्मक विमर्श (Constructive Discussions) के साथ सोमवार को संपन्न हो गयी। गत 28 फरवरी से आयोजित इस संसदीय विमर्श में देश भर से 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रविशंकर प्रसाद (MP Ravi Shankar Prasad) ने प्रतिभागियों को इस तरह के रचनात्मक विमर्श की आवश्यकता पर बल दिया।
संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में पांच स्तरों में विमर्श आयोजित किए गए, जिनमें सह-पालन, समावेशी शिक्षा, अर्थशास्त्र, धर्म और कला जैसे विषयों पर विमर्श हुआ। प्रस्तुत प्रस्तावों को इस तरह से तैयार किया गया था कि वे प्रतिभागियों की तार्किक क्षमता, नीतिगत विश्लेषण और वकालत कौशल को चुनौती दें, जिससे आलोचनात्मक सोच और सुसंगत तर्क-वितर्क का एक बेहतरीन मंच तैयार हो।
प्रतियोगिता में निष्पक्ष निर्णय और उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य निर्णायक समिति में शौर्य चंद्रवंशी, यशोवर्धन बालकृष्णन, ओजस, वृंदा कुडसिया, प्रत्यक्ष विजय और तारूशी शर्मा जैसे प्रतिष्ठित निर्णायक शामिल थे। निर्णायकों की विशेषज्ञता ने प्रतियोगिता के स्तर को ऊँचा किया। रोमाना, वाणी और प्रज्ञा की निर्णायक टीम ने यह सुनिश्चित किया कि प्रतियोगिता समावेशी और न्यायसंगत रूप से संपन्न हो।
फाइनल मुकाबलों में प्रतिभागियों ने प्रस्ताव ‘यदि कोई व्यक्ति सहमति देने में सक्षम हो, तो यह सदन मृत्यु के अधिकार का समर्थन करता है’ पर वाद-विवाद किया। ओपन कैटेगरी में IIT बॉम्बे और DTU की क्रॉस-टीम, जिसमें अंगद, महोर और वंश शामिल थे, ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जीत हासिल की। इसी तरह नवोदित कैटेगरी में जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के आनिक, चिन्मय और सृंजय ने अपनी असाधारण क्षमता और तीव्र बौद्धिकता का परिचय देते हुए विजय प्राप्त की। सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्णायक का खिताब सुगम को और सर्वश्रेष्ठ निर्णायक का पुरस्कार आर्यव बंसल को प्रदान किया गया।
समापन समारोह में लोकसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में लोक और पेशेवर जीवन में वाद-विवाद की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अपने छात्र जीवन के वाद-विवाद अनुभव तथा वकालत से जुड़े संस्मरण साझा किए। उन्होंने बताया कि वक्ता-कला, संरचित तर्क-वितर्क और प्रभावी संवाद किस प्रकार संसदीय प्रक्रिया, शासन और नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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इस राष्ट्रीय विमर्श की सफल बनाने में फैकल्टी चेयरपर्सन डॉ रजनीश कुमार यादव; समन्वयक डॉ अमन दीप सिंह और आयोजन समिति के पदाधिकारियों का अहम योगदान रहा। डॉ अमन दीप सिंह ने कहा कि RMLNLU में संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता देश के श्रेष्ठतम वाद-विवाद प्रतिभाओं को आकर्षित करते हुए बौद्धिक विमर्श और नीतिगत चर्चाओं का एक मजबूत मंच बन रही है।