- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, August 04, 2022
नई दिल्ली। पेट्रोलियम सामान की आपातकालीन आपूर्ति के लिए सरकार के स्वामित्व वाले तेल और गैस उत्पादक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बांग्लादेश के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमे भारतीय वाहनों को भारतीय राज्य असम से त्रिपुरा तक सड़क मार्ग से ईंधन के परिवहन की अनुमति देने का निर्णय लिया है, जो असम और त्रिपुरा में हालिया बाढ़ के कारण गंभीर रूप से बाधित हो गया है।
अधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश अपने पड़ोसी देश के अनुरोध के बाद यह सुविधा देने के लिए सहमत हो गया, क्योंकि असम में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण स्थानीय रेल नेटवर्क टूट गया है। योजना के तहत आईओसीएल अपने ईंधन के काफिले को दावकी (मेघालय)-तमाबिल (सिलहट) सीमा के जरिए बांग्लादेश भेजेगी फिर त्रिपुरा के कैलाशहर में मौलवीबाजार में चटलापुर चेक-पोस्ट के जरिए वाहन प्रवेश करेंगे।
बांग्लादेश में भारत के हाई कमीशन ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि पेट्रोलियम/एलपीजी रोड टैंकर मेघालय से प्रवेश करेंगे और त्रिपुरा जाएंगे। आईओसीएल क्षेत्र के उपयोग के लिए सड़क उपयोग शुल्क सहित सभी प्रशासनिक शुल्क, स्थानीय टोल और खर्च वहन करेगा।
भूस्खलन के कारण स्थानीय रेल नेटवर्क हुआ फेल, बांग्लादेश ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को प्रवेश और निकास सहित – बांग्लादेश के माध्यम से मेघालय से त्रिपुरा तक ईंधन परिवहन के लिए प्रतिदिन 80 वाहनों को चलाने की अनुमति होगी। भारतीय राज्य द्वारा संचालित कंपनी को बांग्लादेश की सड़कों के प्रति किलोमीटर 1.85 रुपये प्रति टन का शुल्क देना पड़ता है। यह व्यवस्था कल से शुरू हुई है और कंपनी को यह सुविधा इस साल 30 नवंबर तक मिलेगी।
प्रत्येक वाहन का अधिकतम एक्सल लोड 10 टन
एमओयू के अनुसार प्रत्येक वाहन का अधिकतम एक्सल लोड 10 टन होगा। वे वाहनों और ड्राइवरों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे और बांग्लादेश सड़क परिवहन प्राधिकरण (बीआरटीए) उनका समर्थन करेगा। वाहन दिन के समय संचालित होंगे और बांग्लादेश के मौजूदा नियमों का पालन करते हुए प्रशासनिक शुल्क और अन्य शुल्क का भुगतान करेंगे।
गौरतलब है कि असम की दीमा हसाओ और बराक घाटी, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र रेल लिंक मई में बर्बाद हो गया था। कंपनी ने मेघालय के रास्ते सड़क मार्ग से अपनी सभी आपूर्ति शुरू कर दी, जिससे लागत से दोगुने से भी ज्यादा अधिक असर पड़ा था।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)