राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल गरीब बच्चों की शिक्षा सुविधा व सुपोषण के प्रति संवेदनशील है। वह इस दिशा में प्रयास भी करती रही है। राजभावन में भी वह अनेक बार गरीब बच्चों को बुलाकर उन्हें शिक्षा,स्व्च्छता व सुपोषण की प्रेरणा व सहायता देती रही है। इसके अलावा अनेक अवसरों पर वह नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए भी मार्ग दर्शन करती है। एक बार फिर उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित करने,बच्चों के पढ़ने एवं खेलकूद के सामान उपलब्ध कराकर गरीब बच्चों की मदद करना पुण्य का कार्य है।
उन्होंने राजभवन में डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश,लखनऊ के तत्वावधान में कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने हेतु प्रोत्साहन एवं लखनऊ के स्ववित्त पोषित इंजीनियरिंग एवं प्रबन्ध संस्थानों के अध्यक्षों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित किया। कहा कि प्रदेश को टीबी मुक्त राज्य बनाने में तकनीकी संस्थान टीबी ग्रस्त बच्चों एवं अपने आस पास के आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर उनके उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। संस्थान के लोग सामाजिक सरोकार के इस कार्य में अपनी सहभागिता से कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को निरोग एवं स्वस्थ बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकते है। रा
ज्यपाल ने कहा कि कुपोषण के कारण ही अधिकांश बच्चे टीबी ग्रस्त होते हैं। इसलियर टीबी के साथ साथ कुपोषण से भी लड़ना है। इसके लिए आवश्यक है कि हमारे बच्चे स्वस्थ पैदा हों और यह तभी सम्भव होगा जब गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त भोजन दिया जाय। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की भूमिका के संबंध में राज्यपाल ने कहा कि अब शिक्षकों को एक विषय विशेष की शिक्षा देने के स्थान पर बहु विषयक शिक्षक की भूमिका अदा करनी होगी। उन्होंने संस्थानों के अध्यक्षों से कहा कि अब शिक्षकों की नियुक्ति में इस पक्ष पर विशेष ध्यान दें कि नियुक्त होने वाले नये शिक्षक कई विषयों के जानकार हों।