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CitiBank बेचेगा अपना क्रेडिट कार्ड बिजनेस, SBI समेत ये बड़े बैंक खरीदने की रेस में

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक अमेरिका के सिटीबैंक का क्रेडिट कार्ड बिजनेस खरीद सकता है. पिछले हफ्ते सिटीबैंक ने भारत में अपना कारोबार बंद करने की घोषणा की है और अब यहां के बिजनेस को बेचने के लिए खरीदार ढूंढ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसबीआई समेत भारतीय बैंकिंग सेक्टर के कई बड़े बैंक सिटी के एसेट्स खरीदने की रेस में है. सिटी बैंक ने इस हफ्ते की शुरुआत में घोषणा की थी कि यह भारत और 12 अन्य देशों में मुनाफे और स्केल की कमी के कारण रिटेल बैंकिंग ऑपरेशंस से बाहर हो रहा है. सिटी बैंक द्वारा अलग-अलग बैंकों को अपने इंडीविजुअल बिजनेस ऑपरेशंस को बेचने की सबसे अधिक संभावना है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक की सब्सिडियरी एसबीआई कार्ड सिटीबैंक के क्रेडिट कार्ड बिजनेस को खरीद सकता है. इस खबर से एसबीआई कार्ड के शेयर की कीमतें शुक्रवार को 7.5 फीसदी बढ़ गईं. सिटी को वित्त वर्ष 2019-20 में 4,912 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ था जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 4,185 करोड़ रुपए था.

यहां से बाहर निकलेगा सिटीबैंक

सिटीग्रुप भारत, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, पोलैंड, रूस, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में अपने कंज्यूमर बिजनेस से बाहर निकलेगा.

इंस्टीट्यूशनल बैंकिंग बिजनेस के अलावा यह मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और गुरुग्राम में केंद्रों से प्रदान की जाने वाली ऑफशोरिंग या वैश्विक व्यापार सहायता पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा. सिटीबैंक भरत में अपने रिटेल और कन्ज्यूमर बिजनेस को बेचने के लिए खरीददार की तलाश भी कर रहा है.

भारत में सिटीबैंक का कारोबार

सिटीबैंक ने 1902 में भारत में एंट्री की थी और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस शुरू किया था. बैंक के कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस में क्रेडिट कार्ड्स, रीटेल बैंकिंग, होम लोन और वेल्थ मैनेजमेंट शामिल है. इस बैंक में 12 लाख अकाउंट्स हैं और कुल 22 लाख ग्राहकों के पास सिटीबैंक का क्रेडिट कार्ड है.

भारत में सिटीबैंक की 35 ब्रांच हैं. वहीं इसके कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस में करीब 4,000 लोग काम करते.

क्रेडिट कार्ड बिजनेस को खरीदने की रेस में हैं ये शामिल

सिटी के क्रेडिट कार्ड बिजनेस को खरीदने की दौड़ में सबसे प्रबल दावेदार एसबीआई माना जा रहा है. इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), आरबीएल बैंक (RBL Bank) और आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) शामिल है. HDFC बैंक भारतीय कार्ड ऑपरेशंस का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी है, लेकिन यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लागू की जाने वाली मजबूत नियामक नीतियों के कारण ज्यादा ग्राहक नहीं जोड़ सकता है.

कोटक महिंद्रा बैंक अपने खुदरा कारोबार का एक और मजबूत दावेदार है. इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, कई अन्य छोटे बैंक भी सिटी एसेट्स को खरीदने की दौड़ में है. आरबीएल बैंक और आईडीएफसी बैंक सिटी के हाई प्रोफाइल क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो हासिल कर सकते हैं.

विदेशी बैंकों जैसे एचएसबीसी (HSBC), स्टैंडर्ड चार्टेड (Standard Chartered) और डीबीएस बैंक (DBS Bank) भी संपत्ति में रुचि दिखा सकते हैं. डीबीएस बैंक ने पिछले साल लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) का अधिग्रहण कर देश में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाई है.

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