रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारत कभी विश्व गुरु हुआ करता था। उसने यह प्रतिष्ठा अपने ज्ञान,विज्ञान व शिक्षण संस्थान के माध्यम से प्राप्त की थी। तब भारत परम वैभव के पद पर आसीन था। उसके प्रताप व शौर्य को दुनिया स्वीकार करती थी। लेकिन भारत ने अपने मान्यताओं के प्रसार के लिए शक्ति शौर्य का प्रयोग नहीं किया। बल्कि वसुधा को कुटुंब मानते हुए सभी के कल्याण का विचार दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसी महान विरासत पर गर्व का सन्देश देते है। पहले भी वह कहते रहे है कि जो पीढ़ी अपने अतीत पर स्वाभिमान नहीं करती, उससे प्रेरणा नहीं लेती,वह पिछड़ जाती है।
किसी शिक्षण संस्थान से संबंधित कार्यक्रम में योगी यह सन्देश अवश्य देते है। वह चाहते है कि संस्थान से जुड़े लोग राष्ट्रीय स्वाभिमान से प्रेरित होकर आगे बढ़ें। पिछले दिनों उन्होंने लखनऊ सैनिक स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह की तैयारियों के संबन्ध में भी यह कहा था। उनका कहना था कि समारोह भारतीय संस्कृति व शौर्य को प्रदर्शित करने वाले होने चाहिए। एक अन्य अवसर पर उन्होंने कि विश्वविद्यालय का स्वरूप भारतीय परम्परा, संस्कृति, शौर्य एवं पराक्रम को दर्शाता हुआ होना चाहिए। उनके समक्ष उत्तर प्रदेश पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय,लखनऊ की स्थापना के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया था।
इसी अवसर पर योगी आदित्यनाथ विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना सम्बन्धी कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसका निर्माण चरणबद्ध ढंग से किया जाए। उप्र पुलिस एवं विधि विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण में आधुनिक तकनीक, डिजाइन और सुविधाओं का समावेश किया जाए तथा इसकी शैली उत्कृष्ट प्रकार की हो। विश्वविद्यालय का आडीटोरियम इस प्रकार से निर्मित किया जाए, जिसमें आवश्यकतानुसार दर्शकों की संख्या को समाहित किया जा सके। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि का प्रबन्ध किया जा चुका है। यह कानपुर रोड पर अमौसी हवाई अड्डे से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा।
इसमें फाॅरेन्सिक यूनिवर्सिटी के अलावा, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और महिला बटालियन की स्थापना भी प्रस्तावित है। इसकी स्थापना के सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा। इसके ले आउट प्लान के सम्बन्ध में गुजरात विधि विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर तथा अन्य स्थानों पर स्थित इस प्रकार की संस्थाओं से प्राप्त सूचनाओं और सुझावों का समन्वय करते हुए कार्यवाही की गई है। टाइमलाइन के अनुसार परियोजना पर कार्य चल रहा है।