Breaking News

पश्चिम बंगाल के बेस अस्पताल में पांच दिवसीय शिविर: भारतीय सेना के डॉक्टरों ने की 350 से अधिक मोतियाबिंद की सर्जरी

लखनऊ (दया शंकर चौधरी)। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के 158 बेस अस्पताल (158 ​​Base Hospital) में पांच दिवसीय शिविर (Five-day Camp) के दौरान लखनऊ के कमांड अस्पताल (Command Hospital, Lucknow) सहित भारतीय सेना के डॉक्टरों (Indian Army Doctors) द्वारा 350 से अधिक मोतियाबिंद की सर्जरी (Performed Over 350 Cataract Surgeries) की गई। नेत्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित नेपाल के 17 पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों का निशुल्क इलाज भी किया गया।

कमांड अस्पताल, लखनऊ के डॉक्टर भारतीय सेना के नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम में शामिल थे, जिन्होंने 20 से 24 मार्च तक पश्चिम बंगाल के बागडोगरा के 158 बेस अस्पताल में आयोजित अत्याधुनिक नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर के दौरान 350 से अधिक मोतियाबिंद की सर्जरी की। टीम द्वारा कुल 1,752 पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की मोतियाबिंद सहित विभिन्न नेत्र संबंधी बीमारियों की जांच की गई। इस टीम में सेना अस्पताल नई दिल्ली और बेस अस्पताल, दिल्ली कैंट के डॉक्टर भी शामिल थे।

मरीजों को 500 से अधिक उच्च-मानक चश्मे भी निशुल्क वितरित किए गए। शीर्ष स्तरीय उपकरणों और उच्च गुणवत्ता वाले लेंसों के उपयोग ने यह सुनिश्चित किया कि रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले, जिससे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर रक्षा मंत्रालय के जोर को बल मिला। शिविर में कुल 17 पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की नेत्र संबंधी बीमारियों की जांच की गई और उनमें से कुछ की उच्च गुणवत्ता वाले लेंसों के साथ मुफ्त मोतियाबिंद सर्जरी की गई।

इस पहल का नेतृत्व ब्रिगेडियर संजय कुमार मिश्रा, नेत्र शल्य चिकित्सक एवं सेना अस्पताल (अनुसंधान और रेफरल), नई दिल्ली ने किया। ब्रिगेडियर एसके मिश्रा को एक लाख से अधिक सफल मोतियाबिंद, विट्रोरेटिनल, अपवर्तक और ग्लूकोमा सर्जरी करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस शिविर ने पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और यहां तक ​​कि नेपाल के विशाल क्षेत्र में हिमालय की तलहटी में राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले दिग्गजों के दरवाजे पर विश्व स्तरीय उपचार लाया है। यह सुनिश्चित किया गया कि दिग्गजों को बिना यात्रा किए वह देखभाल मिले जिसके वे हकदार हैं।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के अनुरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी के निर्देशों के तहत इस शिविर का आयोजन किया गया। इस पहल ने अपने दिग्गजों और उनके परिवारों की भलाई के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को उजागर किया। यह राज्य और सैन्य नेतृत्व, विशेष रूप से त्रिशक्ति कोर के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का प्रमाण है, जो राष्ट्र की सेवा करने वाले बहादुरों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बढ़ाता है।

About reporter

Check Also

बदरीनाथ धाम में तेजी से पिघल रही बर्फ, एक अप्रैल से शुरू होंगी यात्रा की तैयारियां, टीम ने किया निरीक्षण

गोपेश्वर। यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए बीकेटीसी (बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति) और नगर पंचायत ...