लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने प्रदेश सरकार के बजट को सराहनीय बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र,समावेशी विकास एवं स्वावलम्बन के लिये समर्पित है। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की व्यवस्था सराहनीय है। प्रस्तुत बजट में किसानों के लिए मुफ्त सिंचाई हेतु 6 सौ करोड़, कृषि उत्पादक संगठनों के लिये 100 करोड़, किसानों को सस्ता ऋण देने के लिये 4 सौ करोड़ तथा कृषक बीमा दुर्घटना हेतु 6 सौ करोड़ की व्यवस्था के साथ-साथ दो करोड़ चालीस लाख किसानों को डीबीटी के माध्यम से लाभ देने की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि बजट में 5,886 गेहूं केन्द्र खोलने की व्यवस्था से किसानों को अपना उत्पाद बेचने में सुविधा प्राप्त होगी। इसी प्रकार बजट में प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के अन्तर्गत 40 लाख किसानों को किसान निधि उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास हेतु स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत एवं सामूहिक शौचालयों तथा पाइप पेयजल योजना हेतु 15 हजार करोड़ का वित्तीय प्राविधान है, जबकि नगरीय क्षेत्रों में सर्वसुलभ जल आपूर्ति व अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु दो हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए पोषण अभियान में 415 करोड़, श्रमिक कल्याण के लिये 100 करोड़, प्रधानमंत्री प्रवासी योजना के लिये 100 करोड़, महिला शक्ति केन्द्रों के लिये 32 करोड़, महिला सुरक्षा के लिये विशेष अभियान तथा महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की जायेगी। बजट में अरोग्य जल योजना के लिये 22 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है, जबकि स्वच्छता को प्रोत्साहन देने के लिये 2031 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश में सिंचिन क्षमता के विस्तार हेतु गंगा नहर परियोजना पर 271 करोड़ तथा सरयू नहर परियोजना में 610 करोड़ की बजट व्यवस्था सराहनीय है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सोलर पम्पों के माध्यम से सिंचाई कार्य को प्रोत्साहन दिया गया है। इससे कम लागत कृषि तकनीक को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने कहा कि बजट में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिये 100 करोड़ का विशेष पैकेज दिये जाने का प्राविधान है। जबकि स्मार्ट सिटी के लिये 175 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि बजट में शिक्षा एवं कौशल विकास के लिये प्रदेश के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु निःशुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई है।
महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य हेतु गुणवत्तायुक्त भवन उपलब्ध कराने के लिये 200 करोड़ का बजटीय प्राविधान है। जबकि चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है तथा 13 जिलों में बन रहे मेडिकल कालेजों के लिये 1950 करोड़ की व्यवस्था के साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के अन्तर्गत निःशुल्क कोरोना वैक्सीन के लिये 50 करोड़, जन अरोग्य के लिये 142 करोड़ तथा आयुष्मान भारत योजना के लिये 13 सौ करोड़ की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट अवस्थापना विकास, जन स्वास्थ्य, कृषि, स्वच्छता, सुरक्षा, स्वदेशी को बढ़ावा, कार्यक्रमों को गति देने वाला तथा सभी वर्गों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाला है। बजट से सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाबी मिलेगी।