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पराली जलाने के बजाय उससे कंपोस्ट खाद तैयार करें: रमेश यादव

औरैया। जिला प्रशासन ने किसानों से कहा है कि वह पराली जलाने के बजाय उसका खेत अथवा गड्ढे में ही कंपोस्ट खाद के रूप में प्रयोग करें, यदि किसी भी व्यक्ति ने पराली, कूड़ा करकट, अथवा औद्योगिक अपशिष्ट जलाया तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रीय हरित अधिकरण एवं शासन के निर्देश के अनुपालन में जुर्माना, रिपोर्ट व गिरफ्तारी जैसी दंडात्मक कार्यवाही नियमानुसार करना बाध्यता होगी। यह चेतावनी उपजिलाधिकारी रमेश यादव ने सोमवार को विकासखंड भाग्यनगर में कृषि विज्ञान केंद्र, परवाहा में कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजनातर्गत आयोजित कृषक गोष्ठी में दी।

उन्होंने कहा कि विगत वर्ष तहसील औरैया में फसल अवशेष जलाने की 11 घटनाएं हुई थी। इस बार जिला प्रशासन एक भी घटना न होने देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए उनकी अगुवाई में पुलिस उपाधीक्षक के साथ सचल दस्ता पूरी तरह से तैयार है। प्रत्येक गांव में लेखपाल को नोडल अधिकारी बनाते हुए इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए निर्देशित कर दिया गया। यदि किसी गांव में घटना होती है तो संबंधित किसान के साथ साथ ग्राम प्रधान पर भी कार्यवाही की जाएगी।

उप कृषि निदेशक विजय कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की कि राज्य वित्त आयोग द्वारा पंचायती राज विभाग को निर्देशित किया गया है कि पराली को जलाने की वजह मशीनों अथवा श्रमिक का प्रयोग कर उसे भूसे में बदला जाए और उसे परिवहन करके निकटतम निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल तक पहुंचाया जाए। इस कार्य में जो भी धनराशि श्रम एवं मशीनों पर व्यय होगी उसका भुगतान राज्य वित्त आयोग से जिला पंचायत राज विभाग द्वारा किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वह इस प्रावधान का अधिकाधिक लाभ उठाएं और इस संबंध में अपने ग्राम प्रधान, पंचायत सेक्रेटरी एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत से संपर्क करें। जिससे कि फसल अवशेष का समुचित उपयोग पशु चारे के रूप में किया जा सके।

उप कृषि निदेशक ने कृषक उत्पादक संगठन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि यंत्रीकरण योजना, सोलर पंप योजना एवं रबी मौसम हेतु कृषि निवेश व्यवस्था पर विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों से अपील की कि वह अपने उत्पादन समूह बनाएं जो आसानी से कृषक उत्पादक संगठन में परिवर्तित हो सकता है। जिसके माध्यम से उन्हें अपनी फसलों का अच्छा मूल्य प्राप्त हो सकेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों डॉ. अनंत कुमार, डॉक्टर एस के सिंह, डॉक्टर आई पी सिंह एवं डॉ. अंकुर झा ने किसानों को विभिन्न विषयों पर विस्तार से तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई।

गोष्ठी में महिला कृषको को संबोधित करते हुए डॉ रश्मि यादव द्वारा पोषण माह से संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए नवजात शिशुओं, किशोरियो, गर्भवती माताओं एवं सामान्य व्यस्क व्यक्ति के पोषण स्तर में सुधार हेतु उपयोगी जानकारियां दी गई।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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