नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में तेंदुए की तरह दिखने वाला गिरगिट मिला है। वेस्ट इंडियन गेको कही जाने वाली वाली छिपकली की यह प्रजाति कोरबा के जंगल में पहली बार सामने आई है, जो जीवविज्ञान, वानिकी और वन्य प्राणी शास्त्र में अध्ययन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
छत्तीसगढ के कोरबा वनमंडल में
जहां यह गिरगिट मिला है वह छत्तीसगढ के कोरबा वनमंडल में अवस्थित दुधीटांगर और पुटका पहाड़ का यह क्षेत्र बाल्को वनपरिक्षेत्र का हिस्सा है। कुछ दिनों पहले ही अखिल भारतीय विज्ञान सभा नेटवर्क से संबद्ध छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की कोरबा इकाई की ओर से नेचर कैंप का आयोजन इस क्षेत्र में किया गया था।
दुधीटांगर पहाड़ पर लगे कैंप के दौरान सभा से जुड़े विज्ञान विशेषज्ञों ने पुटका क्षेत्र का भ्रमण कर गहन अध्ययन किया। सभा के सदस्यों ने यहां ऐसे वन्य जीवों की खोज पर फोकस अध्ययन किया, जो हमेशा से मानव जगत को हैरान करते रहे हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए ताजा आयोजन में उन्हें यह तेंदुए की खाल वाला दुर्लभ गिरगिट दिखा, जिसे वेस्ट इंडियन लेपर्ड (तेंदुआ) गेको कहा जाता है।
इसी जंगल में उन्हें एक ऐसा मेंढ़क भी दिखा, जो लाल रंग का होता है और उसकी त्वचा में ऐसा तत्व मौजूद होता है, जो स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी को ठीक करने असरदार होता है। इस लाल मेंढ़क को फुनगोइन कहा जाता है, जिसके शरीर की ग्रंथियों से यह तत्व तब स्त्रावित होता है, जब उसे खतरे का आभास होता है, जो उसे भी बीमारियों से दूर रखने मददगार साबित होता है।