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साहित्य/वीडियो

बुढ़िया का प्रेम 

मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है, वह निरंतर चिंतन मनन करता रहता है। यदि जीवन को समझने का प्रयास किया जाए,तो वह किसी अजूबे से कम नहीं है।बुढ़िया का जीवन भी किसी अजूबे से कम नहीं था। वह जीवन के अंतिम चरण से गुजर रही थी चार पुत्र थे उसके। चारों ...

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मधुर-ध्वनि

एक गुरुजी थे, प्रतिदिन समय से विद्यालय जाते और अध्यापन कार्य से मुक्त होकर ससमय घर वापस आ जाते थे।यही उनकी प्रतिदिन की दिनचर्या थी। जिस दिन विद्यालय में छुट्टी रहती,उस दिन थोड़ा देर से सोकर उठते। एक दिन रविवार था, सुबह हुए लगभग 2-3 घंटे हो गए थे, गुरु ...

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मैं कविता हूँ

मैं कविता हूँ आंखों में उतरती लफ़्जों में तैरती कहानी नहीं अब हकीकत सी लगती हां मैं कविता हूँ ! शब्दों को छूकर रुह को टटोलती सुकून पाकर मन की सहेली हां मैं कविता हूँ ! मौन कल्पनाओं का स्वर शब्दों का संयोजन किरदारों का आकाश तर्कों पर वार हां ...

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भारतीय संस्कृति में नारी

भारतीय संस्कृति में नारी भारतीय संस्कृति में नारी, लक्ष्मी सरस्वती पार्वती की रूप होती है। समय आने पर मां रणचंडी दुर्गा, काली का स्वरूप होती है।। नारी ऐसी होती है जो सभी, रिश्तो को एक धागे में पिरोती है। मां बहन पत्नी बेटी बन, हर रिश्ते को संजयोती है।। मत ...

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कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नहीं झुकी ज़माने की जबर्दस्ती के आगे, हवाओं के ख़िलाफ़ बहने वाली वामा हूँ, मेरी सोच हर सीमाओं को लाँघकर भागे, पढ़कर मेरी कहानी चाहती हूँ सोई हुई कुछ नारियों की आत्मा जागे सदियों से चली आ रही मानसिकता को तोड़ना आसान नहीं होता, पर हौसला बुलंद हो तो हार ...

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“ग़जब का रिश्ता” एक कहानी खुद की जुबानी

मैं बिस्तर पर से उठा, अचानक छाती में दर्द होने लगा। मुझे हार्ट की तकलीफ तो नहीं है? ऐसे विचारों के साथ मैं आगे वाली बैठक के कमरे में गया। मैंने देखा कि मेरा पूरा परिवार मोबाइल में व्यस्त था। मैंने पत्नी को देखकर कहा- “मेरी छाती में आज रोज ...

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झाँसी वीरता की एक विरासत

मेरी 8 साल की भतीजी अयाना जो कि काफी उत्सुक और जिज्ञासु है, हर समय प्रश्न पूछती रहती है। एक बार उसने मुझसे पूछा कि “मैं पूर्वजन्म में कौन थी।” कौतूहलता देख हँसी में मैंने कह दिया “पूर्वजन्म में आप झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई थी।” उसे विश्वास नहीं हुआ तो ...

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जीवन

एक कौआ रोता हुआ पेड़ की डाल पर बैठा काँव काँव कर रहा था। थोड़ी दूर पर दूसरा कौआ उसकी परेशानी देख बोला, भाई तुम क्यूँ रो रहे हो ? अपनी व्यथा मुझसे कहो। शायद मैं दूर कर सकूँ “तुम मेरी परेशानी दूर नही कर सकते, कोई भी नही। हमें ...

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जड़

हर रोज की कीच कीच मैं आज जड़ से ही खत्म कर देता हूं। ये ना मां बाप घर में रहेंगे, ना कोई क्लेश होगा। रमेश ने अपनी पत्नी सुनीता से कहा। दो चार दिन निकलते ही रमेश ने दोनों का सामान समेटा और मां बाप को घर से निकाल ...

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भ्रष्टाचार बहुत है!

राजू और उसके दोस्तों जैसे ही स्टेशन पर पहुंचे उन्हें पता चला उनकी ट्रेन दो घंटे लेट हैं। उसके बाद वह सभी एक बेंच पर बैठ अपने-अपने स्मार्टफोन पर अँगुलियों को घुमाने लगे। सब अपने मोबाइल में व्यस्त थे, तभी राजू का ध्यान बगल के बेंच पर बैठे कुछ लोगों ...

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