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हिमालय साहित्य अकादमी में राम नाईक का सम्मान

शिमला. उत्तर प्रदेश के पूर्व राम नाईक अपने को एक्सीडेंटल राइटर मानते हैं, लेकिन उनकी किताब चरैवेति! चरैवेति!!को साहित्य जगत में बहुत लोकप्रियता मिली है. करीब एक दर्जन भाषाओं में इसके संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं. पुस्तक लोकार्पण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविद के अलावा अनेक मुख्यमंत्री और राज्यपाल समय समय पर सहभागी होते रहे हैं.

हिमालय साहित्य अकादमी में राम नाईक का सम्मान

इसके अलावा अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा उनको सम्मानित किया जा चुका है.इस क्रम में राम नाईक को हिमाचल प्रदेश में साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय साहित्य परिषद में विशेष रूप से निमंत्रित किया गया। वहां उनका स्नेह व आदर से स्वागत करते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर ने चरैवेति! चरैवेति!!को उच्च कोटि की साहित्यिक रचना बताया.

उन्होंने कहा कि साहित्य अभिव्यक्ति का दर्पण है,जो उस समय का चित्रण हो सकता है और यही साहित्य आज की परिस्थिति का चित्रण भी करता है। समाज में जो विषय आते हैं, वह साहित्य के रूप में सामने आते हैं।

उन्होंने कहा कि लेखन स्वांत सुखाय नहीं होना चाहिए परन्तु,लेखन सत्य के आधार पर होना चाहिए। साहित्य को पढ़ना जरूरी है। इसलिए पुस्तकों को पढ़ने की रूचि हमारे घर में होनी चाहिए। इसके पहले राम नायक का हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने अपने आवास पर अभिनन्दन किया.

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