दिल्ली के निर्भय गैंगरेप के चार दोषियों में से एक मुकेश ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी मौत की सजा को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि जब रेप हुआ था तब घटनास्थल दिल्ली में नहीं था।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों के परिवारवालों ने बीते को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं।
उधर चार दोषियों में एक अक्षय ठाकुर की फांसी से पहले उसकी पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में अक्षय ठाकुर की पत्नी ने तलाक के लिए मुकदमा दाखिल करते हुए कहा कि उसके पति रेप के केस में सजायाफ्ता हुए हैं और उन्हें फांसी दी जानी है। वह नहीं चाहती है कि वह उनकी विधवा कहलाए। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 (2) (कक) के तहत यह मुकदमा किया गया है।