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मन की बात में राष्ट्रीय चेतना संचार

डॉ दिलीप अग्निहोत्रीबारह मार्च को केंद्र सरकार ने अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया था। यह स्वतन्त्रता की पचहत्तरवीं वर्षगांठ तक चलने वाली विचार यात्रा है। नरेंद्र मोदी ने मन की बात के पछहत्रहवें एपिसोड में इसका उल्लेख किया। इस माध्यम से उन्होंने पूरे देश को इसमें सहभागी बनाया। वस्तुतः नरेंद्र मोदी देश की एकजुटता पर बल देते है।

इसको वह भारत की शक्ति के रूप में रेखंकित करते है। आजादी के आंदोलन में देश ने एक एकजुटता दिखाई थी। कोरोना महामारी की शुरुआत में भी देश ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। मन की बात में नरेंद्र मोदी ने इन दोनों का उल्लेख किया।

अमृत महोत्सव में योगदान

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का स्वरूप व्यापक रहा है। इसका विस्तार महानगरों से लेकर गांव और वनवासी क्षेत्रों तक था। इस श्रृंखला में अनगिनत ज्ञात अज्ञात सेनानी हुए। जिन्होंने अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर लोग गौरवशाली प्रसंगों व सेनानियों की जानकारी साझा करें। आजादी के अमृत महोत्सव ने इसका अवसर उपलब्ध कराया है। भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है,समृद्ध इतिहास है,चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है। इस सभी से देश की वर्तमान पीढ़ी प्रेरणा ले सकती है।

अमृत उत्सव के शुभारंभ के लिए बारह मार्च का दिन तय किया गया था। महात्मा गांधी ने इसी दिन दांडी मार्च प्रारंभ की थी। देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों की जनभागीदारी को लेकर यह आजादी का उत्सव मनाएंगे।

दवाई भी कड़ाई भी

कोरोना के प्रारंभ में भी देश ने एकता का प्रदर्शन किया था। ताली थाली की समवेत ध्वनि व दीप प्रज्वलन रष्ट्रीय एकता की मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्ति थी। सन्देश यह था कि कोरोना का मुकाबला एकजुटता से हो सकता है। एक बार फिर मोदी ने मन की बात में इसका उल्लेख किया। अभिभावक की तरह,जो लापरवाही देख कर विचलित होता है।कहा कि कोरोना की दवाई भी और कड़ाई भी पर अमल करना होगा। ढिलाई नहीं होनी चाहिए। दो गज की दूरी मास्क जरूरी पर अमल जारी रखना है।

लाइट हाउस टूरिज्‍म

नरेंद्र मोदी ने लाइटहाउस टूरिज्‍म का उल्लेख भी किया। भव्य संरचनाओं के कारण लाइट हाउस आकर्षण का केंद्र रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत में भी इकहत्तर लाइट हाउस की पहचान की है। इन सभी लाइट हाउस में उनकी क्षमताओं के मुताबिक संग्रहालय, एम्‍फी थियेटर,ओपन एयर थियेटर, कैफेटेरिया,चिड्रेन्‍स पार्क, इको फ्रेंडली कॉटेज और लैंड्सकैपिंग तैयार किये जाएंगे।

गुजरात के जिन्झुवाड़ा का लाइट हाउस अद्भुत है।यहां से समुद्र तट सौ किलोमीटर से भी अधिक दूर है। यहां कभी व्यस्त बंदरगाह रहा होगा। इसके पुरातात्विक महत्व के पत्थर अब भी यहां मिलते है। इसका मतलब ये है कि पहले कोस्‍टलाइन जिन्झुवाड़ा तक थी।

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