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साहित्य/वीडियो

मन अपना सादा किया है

मन अपना सादा किया है ————————— कुछ इस तरह से बिछडने का इरादा किया है, ऐ जिंदगी तुझसे ना मिलेगे ये वादा किया है। दर दर की ठोकरें खाना, बस यही है तेरा फ़साना, ख़ामोश हो गए हैं हम, तूने मेरे साथ रंज इतना ज्यादा किया है। मर जाएंगे पर ...

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सजेगी कलाई

सजेगी कलाई आ गया रक्षाबंधन, सजेगी कलाई! नेह की डोर से, तू बांधेगी मुझको तू ही बता आज, क्या दूं मैं तुझको दे सका है भला क्या? कोई राखी का मोल पर ख्वाहिश हो यदि कुछ, तो निसंकोच बोल! आगे बढ़ाओ अब, हाथ भाई! आ गया रक्षाबंधन, सजेगी कलाई! बहन ...

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ख़ाकी

ख़ाकी खून से ख़ाकी सनी हुई है सिर भी उसका फटा पड़ा है।  एक हाथ से माथ दबाए माँ तेरा लाल डटा पड़ा है।। छोटी गुड़िया की शादी और पिता को लाठी की चिंता। खा रखी कसम संविधान की इसलिए पीछे नहीं हटा।। सर्द रात में घर पर बैठूं बच्चों ...

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आपसी कहासुनी के दौरान युवक ने लहराया तमंचा, वीडियो वायरल

फिरोजाबाद। लगता है जिले में अब असामाजिक तत्वों के मन में कानून का कोई डर नहीं रह गया है। बात बात पर तमंचा लहराना फैशन बन गया है। शहर के उत्तर कोतवाली इलाके में एक युवक का सोशल मीडिया पर तमंचा लहराते हुए वीडियो वायरल हुआ है। क्या है पूरा ...

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प्रेम

प्रेम बजाज, जगाधरी (यमुनानगर)

प्रेम आंखों से प्यार और ज़ुबां से इनकार करते हो क्यूं ये ज़ुल्म मुझ पर यार हर बार करते हो। मोहब्बत का मेरी तुझे एहसास हो या ना हो क्यूं बेपर्दा मेरे असरार भरे बाज़ार करते हो। छुने लगी हैं तेरी यादें अब तो बुलंदियों को सच बताना क्या तुम ...

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दयनीय स्त्री दशा: जिम्मेदार कौन?

कभी कभी सोचती हूं कि क्या सोचकर विधाता ने स्त्री की रचना की होगी? एक ऐसी कृति जिसका कोई ओर और छोर नहीं है।अनादि काल से आज तक कोई भी उसके मन की गहराई का सही सही अंदाजा नहीं लगा पाया है। पृथ्वी की उत्पत्ति और सृष्टि के निर्माण के ...

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जाने दो

कल्पना सिंह

जाने दो ग़म की घटाओं को बरस जाने दो, दर्द को नदी बनकर बह जाने दो। ये माना की दर्द अपना ही है लेकिन, खुद को इस दर्द से मुकर जाने दो। खुशियां तलाशने निकलता है हर कोई, उन गुमनाम गलियों में खुद को खो जाने दो। झील सी आंखों ...

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अनुभव

ज्योति उपाध्याय

अनुभव “जिंदगी साथ देती है हिस्सेदारी नहीं, आदमी का हुनर है धोखा, वफ़ादारी नहीं !!” ‘ज़िन्दगी को आम नहीं खास बनाना है सपनों को बुनना और गहराइयों में उतर जाना है कोई क्या कह रहा है, परवाह क्यूँ करें हम। इतनी कोई जल्दी नहीं, किसी से क्यूँ डरे हम। ये ...

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कर्तव्य

क्षितिज जैन "अनघ"

कर्तव्य ज्ञान के तेज में मिलाकर कर्म के बल को, सभ्यता की शंकाओं का समाधान कीजिय। जाग्रत करिये अपने संचित पौरुष को, पुरातन गौरव का पुन: भान कीजिये। राम की उच्चता व कृष्ण का कर्मपथ लिए, मानस में महावीर का ध्यान कीजिये। युगों युगों तक अमर रहेगी भारत भू, सत्य ...

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तिरंगा

तिरंगा पूरे विश्व में हमारे तिरंगे की है शान, लाख बन जाये इसके दुश्मन चीन चाहे पाकिस्तान। एक ख़ुशनुमा त्योहार हम फहरा के झंडा मना रहें हैं, यूँ ही मातृभूमि की खातिर फ़र्ज़ अपना सभी ये निभा रहें हैं। देख कर हर तरफ झंडे की तिरंगी छटा, सभी राष्ट्र गान ...

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