सच “कहते है हम जो लिखते है वो सच हो जाता है, शायद हम लिखते भी तो वही है जो सच होता है, ये असमंजस की स्थिति है जो बड़ी दुर्लभ और दयनीय है।” जो कहा क्या वो कहना चाहिए था…. 2 या सच को छोड़ झूठ संग रहना चाहिए ...
Read More »साहित्य/वीडियो
ज़माने की ठोकरें
ज़माने की ठोकरें हूं बहुत नर्म, लेकिन कभी पत्थर भी बना देती है ज़माने की ठोकरें। बहुत सरल, सीधा, भोला हूं मैं, लेकिन चालाक बना गई ज़माने की ठोकरें। बहुत प्यार लुटाता हूं सब पर, प्यार का खज़ाना रखता हूं दिल में, लेकिन कभी नफरत भी सिखा देती है ज़माने ...
Read More »हमारा हिंदुस्तान
हमारा हिंदुस्तान दुनिया में जो सबसे महान है। ये हमारा अपना हिंदुस्तान है।। हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बनके रहते हो जहाँ भाई-भाई। एकता जिस देश की पहचान है। ये हमारा अपना हिंदुस्तान है।। महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, मंगल पांडे, लक्ष्मीबाई जिसकी। गौरवमयी इतिहास बनी शान है। ये हमारा अपना हिंदुस्तान ...
Read More »इश्क उसका लिखते हैं
इश्क उसका लिखते हैं प्यार तुझको खुद से ज्यादा करते हैं हम तेरी हर एक अदा पे तो मरते हैं हम वो तेरा मुस्कुराना,वो शर्म-ओ-हया इन निगाहों से तुम्हें देखते हैं हम अभी पास आके बस गुजरे हैं वो छुअन उनकी महसूस करते हैं हम इश्क में मेरे साथ मसरूफ ...
Read More »मैं
मैं ना मैं तेरे फसाने का किस्सा ना तू मेरे हकीकत की कहानी मैं तेरे दिल की सुलगती आग तू मेरी आंख से बहता पानी किनारे पे तन्हा बैठा बुढ़ापा लहरों संग हंसती खेलती जवानी मैं बर्फीली हवाओ सी सर्द सर्द तू आइने में जमी सी गर्द गर्द मेरे रग ...
Read More »अटल
अटल सोलह अगस्त की थी दिनांक संध्या का कोई आठ बजा भगवान विराजे आसन पर, था स्वर्ग लोक का ठाठ सजा थे परम ब्रह्म मुख्यासन पर सब देव वहां दरबारी थे स्वर्गिक आनंद बरसते थे देवों के उत्सव जारी थे उनचास पवन थे मौन खड़े बस शांत समीर बह रहा ...
Read More »कला में व्यक्ति खुद को उजागर करता है कलाकृति को नहीं: रविंद्र नाथ टैगोर
साहित्य जगत में सर्वप्रथम नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले महान पुरोधा पूजनीय रविंद्र नाथ टैगोर ऐसे भारतीय थे जिन्होंने सन 1913 में सर्वप्रथम नोबेल पुरस्कार को अपने नाम किया। बहुमुखी कलाओं और साहित्य में इनकी तन्मयता को देखते हुए राष्ट्रपिता “महात्मा गांधी” ने इन्हें “गुरुदेव” की उपाधि से सम्मानित किया, ...
Read More »राम मंदिर
राम मंदिर खूब नाचो खूब गाओ, राम मंदिर बन रहा है! धैर्यवान विवेकशील, है जिनका नाम! अब तक थे टेंट में, सबके मेरे प्यारे राम! देखिए भव्य उत्सव, अयोध्या में ठन रहा है! खूब नाचो खूब गाओ, राम मंदिर बन रहा है! बैठे थे जग के भरोसे, जग के पालनहार! ...
Read More »पुलिस
।। पुलिस ।। पुलिस…पुलिस सुख-सुविधाओं का त्याग है, पुलिस अनुशासन का विभाग है। पुलिस…पुलिस नियम कानून की परिभाषा है, पुलिस अपराधियों का गहन अध्ययन है जिज्ञासा है। पुलिस…पुलिस अमन व शांति का सबूत है, पुलिस अपराधियों के डरावने भूत हैं। पुलिस…पुलिस है तो देखो कितनी शांति है, पुलिस नहीं है ...
Read More »मेरे राम
मेरे राम राम जी! मैं आपका शिव आप से यह पूछना है मैं अयोध्या जा रहा हूं चल रहे हो आप भी क्या बहुप्रतीक्षित आपके प्रासाद का है भूमिपूजन ये अपर्णा कह रही है आप से भी पूछ लूँ क्या यहां तो कोहराम है हे राम अब मैं क्या बताऊँ ...
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