धूर्त चाइना
सुनो चाइना अब तुझको ,हम ऐसा सबक सिखा देंगेकितनी ताकत है हममें ,ये दुनिया को हम बता दंगेबीस सिपाही तुमने मारे , हम अब चालीस मारेंगेतेरे ही घर में घुसकर हम ,अब घर तझे निकालेंगेनाटा है तो नाटा ही रह, यूँ आँख लड़ा ना तू हमसेवरना तेरी ही धरती पर, अब हम तुझको गाड़ेंगेछोटी छोटी आंखों से तू , अब ना हमको घूरा करछप्पन इंची सीने की तू ,हर इच्छा को पूरा करअपनी सेना के दिल में तू , झूठा भ्रम न पाला करजितना हो सकता है बस तू ,यद्ध ना हो ये टाला करअबकी गर ना माना तू तो,औकात तेरी ये बता देंगेहमें कसम माँ दुर्गा की हम ,अब महिषासुर सा काटेंगेशंकर के जैसा ताण्डव हम,अब देश में तेरे कर देंगेचाइना तेरी ही भूमि को , खंड खंड अब कर देंगेसंजय कुमार गिरि
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