लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कम्प्यूटर ओलम्पियाड Kofas-2018 ‘कोफास-2018’ का भव्य समापन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच सम्पन्न हुए कोफास-2018 के ‘पुरस्कार वितरण व समापन समारोह’ में जार्डन, नेपाल व देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे प्रतिभागी विजयी छात्रों को शील्ड, मैडल व सार्टिफिकेट प्रदान कर पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। सनबीम इंग्लिश स्कूल, भगवानपुर, वाराणसी की छात्र टीम ने ओवरऑल चैम्पियनशिप कब्जा जमाकर अपने ज्ञान-विज्ञान की चमक बिखेरी, तो वहीं दूसरी ओर सेंट पीटर्स कालेज, आगरा ने रनर-अप ट्राफी जीतकर अपने ज्ञान-विज्ञान का परचम लहराया।
Kofas-2018 समारोह में
कोफास-2018’ Kofas-2018 के समापन समारोह में सी.एम.एस. छात्रों ने देश-विदेश के प्रतिभागी छात्र टीमों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन शानदार कार्यक्रमों को देखकर विदेशी मेहमान गद्गद व प्रफुल्लित दिखाई दिये और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा ऑडीटोरियम गूँज उठा।
जार्डन, नेपाल एवं देश के विभिन्न भागों से पधारे प्रतिभागी छात्रों व टीम लीडरों ने गीत संगीत का पूर्ण आनन्द उठाया। इस अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने कहा कि हम लोगों को लखनऊ में जो प्यार और अपनापन मिला है उसे हम कभी नहीं भूल पायेंगे। इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड ने हमें विश्व एकता के महत्व को समझाया है। हम संकल्प लेते हैं कि पूरी दुनिया में अमन व शांति के लिए एकता का साम्राज्य स्थापित करेंगे।
समापन अवसर पर कोफास-2018 की संयोजिका एवं सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या जयश्री कृष्णन ने विश्वास व्यक्त किया कि इस ओलम्पियाड के माध्यम से देश-विदेश के प्रतिभागी छात्र कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास से तो परिचित हुए ही, साथ ही साथ भावी पीढ़ी का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में भी मददगार साबित हुआ।
श्रीमती कृष्णन ने प्रतिभागी छात्रों का प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए अगले कम्प्यूटर ओलम्पियाड में पुनः पधारने के लिए आमन्त्रित किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने सभी प्रतिभागी छात्रों को अपना आशीर्वाद दिया व उन्हें सभी मतभेद मिटाकर विश्व नागरिक बनकर समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। डा. गाँधी ने कहा कि अब समय आ गया है कि छात्र शक्ति मिलकर ‘विश्व एकता व विश्व शान्ति’ के लिए अभियान चलायें।