Breaking News

प्रदेश सरकार आईटी व आईटीईएस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है- योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दूसरे दिन के सत्र परिचर्चा में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और डाटा सेंटर के संदर्भ में विशेष सत्र का आयोजन हुआ। “आईटी,आईटीईएस एंड डाटा सेंटर्स इन उत्तर प्रदेश, सर्विंग द वर्ल्ड सेशन” में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सहभागिता की।

एकेटीयू के स्टॉल पर पहुंचे मुख्यमंत्री, स्टार्टअप्स को सराहा

बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मेरा उत्तर प्रदेश से आत्मिक लगाव है। ऐसा इसलिए है कि 16 साल में राजनीतिक कैरियर के बाद मुझे प्रधानमंत्री जी के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में एक सभा मे संबोधित करने का अवसर मिला, हालाँकि मैं हिंदी में इतना अच्छा नहीं हूँ, लेकिन फिर भी मैंने हिंदी में सम्बोधित करने की कोशिश की,उस भीड़ से एक युवा की आवाज आई ‘डिजिटल इंडिया के साथ बढ़ता डिजिटली उत्तर प्रदेश’, ये नारा मुझे उस समय काफी क्रांतिकारी लगा। उसके बाद आज मैं महसूस करता हूँ कि उत्तर प्रदेश वाकई डिजिटली उत्तर प्रदेश को चरितार्थ कर रहा है। मात्र 6 साल पहले का उत्तर प्रदेश अलग था, आज उत्तर प्रदेश की 6 सालों में नई पहचान बन गई है।

योगेन्द्र उपाध्याय

उन्होने कहा कि पहले आईटी क्षेत्र के निवेशकर्ताओं से एक बात सुनने को मिलती थी कि वो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र में निवेश करना चाहते थे, उन्हें लगता था कि वहां टेक्नोक्रेट और जमीन आसानी से मिल सकती है, लेकिन आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र और डाटा सेंटर निर्माण के परिणाम से ये पता चलता है कि पिछले 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश द्वारा की गई सूचना प्रौद्योगिकी की ये यात्रा बहुत अभूतपूर्व है।

मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री का कहना है कि टेक्नोलॉजी से आम आदमी के जीवन मे बदलाव आना चाहिए। टेक्नोलॉजी से युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए। पिछले 30 वर्षों में भारत टेक्नोलॉजी का कन्ज्यूमर बन चुका था, इसे अब टेक्नोलॉजी का प्रोड्यूसर बनना है। कुछ समय पहले प्रधानमंत्री जी द्वारा कही गई ये बातें आज सच साबित हो रही हैं। इस बात का भरोसा नही था कि भारत इस क्षेत्र में इतना ज्यादा आगे बढ़ जाएगा। लेकिन आज प्रधानमंत्री के निर्देशन में भारत ने दुनियां को दिखा दिया कि आज भारत ‘टेक्नोलॉजी का कंज्यूमर नहीं बल्कि प्रोड्यूसर’ बन गया है। 5 जी इसका उदहारण है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश आईटी सेक्टर में कार्य कर रहा है, निश्चित है कि ‘प्रोड्यूसर इंडिया का ग्रोथ इंजन भी उत्तर प्रदेश बनेगा’।

इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा व आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आईटी और आईटीईएस क्षेत्र, विशेष रूप से विकासशील देशों के बीच तेजी से नया क्षेत्र उभरा है। प्रदेश सरकार आईटी व आईटीईएस क्षेत्र को विशेष रूप से बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इंडिया के मिशन को लेकर रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म, परफार्म के मूलमंत्र को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार भी इस क्षेत्र में विशेष निवेश को प्रोत्साहित करती है। सरकार हाल ही में डाटा सेंटर नीति भी लेकर आई है, इस नीति की वजह से निवेश में काफी सफलता मिली, इसकी सफलता और लोक प्रियता को देखते हुए सरकार द्वारा इसमे नए आकर्षण बिंदओं को रखा गया है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 8 डाटा सेंटर्स के लिए निवेश हुआ है। एक डाटा सेंटर नोएडा में शुरू भी हो चुका है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लखनऊ विश्वविद्यालय के 21 शिक्षकों को नागरिक अभिनंदन समारोह में करेंगी सम्मानित

श्री उपाध्याय ने कहा कि सबसे अधिक आबादी वाला राज्य और देश में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था प्रदेश, उत्तर भारत के आईटी हब के रूप में जाना जाता है, और देश में सॉफ्टवेयर निर्यात मे छठवें स्थान पर है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार आईटी और आईटीईएस क्षेत्र के प्रभुत्व को पहचानती है तथा आईटी और आईटीईएस उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रभावी नीति कार्यान्वयन के माध्यम से, बुनियादी ढाँचे और मानव पूंजी विकास को विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार स्वयं को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान-अर्थव्यवस्था के रूप में बदल रही है जिससे 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के अनुरूप निवेश का मार्ग प्रशस्त हो।

मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रख्यापित, उप्र डाटा सेन्टर नीति-2021 के अन्तर्गत 636 मेगावाट की क्षमता के डाटा सेन्टर स्थापित किये जाने के लिये 7 निवेश प्रस्तावों के माध्यम से लगभग रू 20,000 करोड़ के निवेश लक्ष्य, नीति की अधिसूचना के प्रथम वर्ष में ही प्राप्त कर लिये गये हैं। नीति की सफलता से उत्साहित होकर उप्र डाटा सेन्टर नीति-2021 को संशोधित किया गया है तथा संशोधित नीति में 900 मेगावाट की डाटा सेण्टर क्षमता तथा रू 30,000 करोड़ के निवेश का पुनरीक्षित लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हितधारकों द्वारा दिये गये परामर्श को संशोधित डाटा सेन्टर नीति में समाहित किया गया है। गैर वित्तीय प्रोत्साहन पावती पत्र निर्गत होने के बाद, लागू होने की व्यवस्था की गई है, जिससे निवेशकों को वाणिज्यिक परिचालन हेतु पर्याप्त समय मिल सके। मूल नीति में 3 डाटा सेन्टर पावर्स को दोहरी पावर ग्रिड विद्युत आपूर्ति की अनुमन्यता को बढ़ाकर अब 8 डाटा सेन्टर पार्क्स के लिए किया गया।

महाराष्ट्र में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन “धारा 2023” में यूपी के 22 शहरी नदियों का होगा प्रदर्शन

उन्होने कहा कि इन नीतियों के द्वारा प्रेदश में आईटी और आईटीईएस क्षेत्र तथा डाटा सेण्टर के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश आकृष्ट किये जाने का राज्य सरकार का प्रयास है इसलिए पदेश सरकार आईटी और आईटीईएस क्षेत्र एवं डाटा सेण्टर के क्षेत्र में निवेश हेतु उद्यमियों को आमत्रित किया जा रहा है। परिचर्चा में राज्यमंत्री, विज्ञान तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अजीत सिंह पाल, विशेष सचिव कुमार विनीत, अक्षय त्रिपाठी सहित आईटी और आईटीईएस क्षेत्र के उद्यमियों ने भी सहभागिता की।

रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री

About Samar Saleel

Check Also

Lucknow Municipal Corporation: अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी, हटाए गए ठेले व अवैध गुमटियां

लखनऊ। महापौर सुषमा खर्कवाल (Mayor Sushma Kharkwal) के निर्देशन व नगर आयुक्त गौरव कुमार के ...