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चिनहट के हरदासी खेडा़ स्थित कान्हा विहार कालोनी में महिलाओं ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य

लखनऊ। आज 19 नवंबर को छठ पूजा के तीसरे दिन भक्तों द्वारा पूरे दिन निर्जला व्रत रखा गया। चिनहट के हरदासी खेडा़ स्थित कान्हा विहार कालोनी में साधना, निगम, बेबी, रेखा, रूबी, पुष्पा, इंदु, सुनीता, किस्मती देवी, मनीषा, छोटकी, शशिबाला, ज्योति आदि महिलाओं ने इस दिन संध्या अर्घ्य का अनुष्ठान भी किया।

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चिनहट के हरदासी खेडा़ स्थित कान्हा विहार कालोनी में महिलाओं ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य

आज के दिन को कार्तिक षष्ठी भी कहा जाता है। लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं और शाम को अर्घ्य देते हैं। डूबते सूर्य को अर्घ्य देना इस दिन का मुख्य अनुष्ठान है। यह साल का एकमात्र समय है जब डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। तीसरे दिन व्रत पूरी रात जारी रहता है। पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है।

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चिनहट के हरदासी खेडा़ स्थित कान्हा विहार कालोनी में महिलाओं ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य

बताते चलें कि छठ पूजा के तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य के नाम से भी जाना जाता है, यह महापर्व छठ का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। भक्त डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और फल, फूल और दीये चढ़ाते हैं। मान्यता है कि यह अनुष्ठान परिवार में खुशी, सफलता और अच्छा स्वास्थ्य लाता है।

बता दें, डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा काफी पुरानी है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और शाम को तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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