Breaking News

विश्व गौरैया दिवस- 2022 : थोड़े से प्रयास से आएगी आपके आंगन में भी नन्ही गौरैया

– चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन ने विश्व गौरैया दिवस से पूर्व लोहिया पार्क में चलाया जागरूकता अभियान
– लोगों को वितरित किये गौरैया के रहने के लिए घर और उसके खाने के लिए काकून भरे मिट्टी के पात्र
– शहर के जाने-माने पर्यावरण प्रेमी हुए इकट्ठा, सीएम योगी से की शहर के बड़े पार्कों में बर्ड टावर बनाने की मांग

लखनऊ। चीं-चीं करके कभी घर के आंगन में आकर अपनी दस्तक देने वाली गौरैया को बचाने की मुहिम में जुटे लोग बुधवार सुबह लोहिया पार्क गोमतीनगर में जुटे। 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर चैतन्य वेलफेयर फाउण्डेशन के तले उन्होंने एक जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान गौरैया के लकड़ी से बने घर और उसका भोजन काकून से भरे मिट्टी के पात्र लोगों को वितरित किये गये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एलडीए के अधिशासी अभियंता कमलजीत सिंह, विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अमिता कनौजिया और एलडीए के मोहम्मद इमरान मौजूद रहे।

थोड़े से प्रयास से आएगी आपके आंगन में भी नन्ही गौरैया

शहर के जाने-माने पर्यावरण प्रेमियों ने इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शहर के बड़े पार्कों में गौरैया को बचाने के लिए बर्ड टावर बनाने की मांग की। लखनऊ विवि के जंतु विज्ञान विभाग की रीडर डॉ अमिता कनौजिया ने कहा कि उनके पास बर्ड टॉवर को कैसे बनाया जाएगा इसका प्रोजेक्ट है। इस टावर के बन जाने से पार्कों में गौरैया की संख्या तो बढ़ेगी ही उनको बचाने के प्रयास भी किये जा सकेंगे। उन्होंने गौरेया के बारे में यहां आए लोगों को विस्तृत जानकारी भी दी।

चैतन्य वेलफेयर फाउण्डेशन की ओम सिंह ने लोगों को बताया की मुठ्ठी भर अनाज और छोटे-छोटे पौधे लगाकर गौरैया की चहचहाहट अपने घर में आप भी महसूस कर सकते हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पर्यावरण प्रेमी अंकित मिश्र, राज कुमार यादव, सात्विक सिंह, समाजसेवी मनोज सिंह चौहान ने लोगों को जागरूक किया। पर्यावरण प्रेमी कृष्णानन्द राय ने बताया कि झाड़ीनुमा छोटे पौधे घरों में लगाएं। खाने का दाना घरों के खुले स्थान पर डालें। खराब अनाज को कूड़े में न फेंके, छत या सुरक्षित स्थान पर डालें। स्वच्छ पानी को खाली बर्तन में रखें। लकड़ी का प्लेटफार्म घर के सुरक्षित और शांत स्थान पर बनाएं। पार्कों में गर्मी पर चिड़ियों के लिए खाली स्थान छोड़ा जाए ऐसा करने पर गौरैया अपने आप आएगी।

पर्यावरण प्रेमी पल्लव शर्मा ने बताया कि गौरैया स्वस्थ पर्यावरण का संकेतक है। पर्यावरण में आये हुए बदलाव का प्रभाव बहुत जल्द गौरैया पर दिखायी देता है। अगर हमारे बीच गौरैया सुरक्षित है तो यह मान सकते हैं कि हमारा पर्यावरण सुरक्षित है। समाजसेवी संज्ञा शर्मा ने बताया कि गौरैया के रूठने का एक कारण नहीं हैं। जब से घरों में एयरकंडीशन लगे तब से खिड़कियां और रोशनदान बनना ही बंद हो गये। गौरैया इन्हीं स्थानों पर अपना घर बनाती थी। वो भी हमने बंद कर दिये। इस अवसर पर विवेक भट्ट,, शरद मेहरोत्रा, मुकेश सिंह, अर्चना जैन, मास्टर हैदर, शैलेन्द्र मोहन, आदित्य शर्मा के अलावा चैतन्य वेलफेयर फाउण्डेशन की टीम उपस्थित रही।

About reporter

Check Also

भगवान गणेश के विधिवत पूजन अर्चन के साथ हुआ 173 पूर्वी विधानसभा चुनावी कार्यालय का उद्घाटन

लखनऊ। भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना के साथ लखनऊ पूर्वी विधानसभा चुनाव कार्यालय का ...