उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपदा में अवसर की नीति पर कारगर अमल कर रहे है। इसी नीति के तहत अन्य राज्यों से सैंतीस लाख से अधिक श्रमिकों की वापसी हुई,श्रमिक व कामगार रोजगार आयोग का गठन हुआ,और सवा करोड़ से अधिक श्रमिकों कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
इसके अगले कदम के रूप में योगी ने स्टार्ट अप पर जोर दिया है। उनकी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप की नई नीति बनाने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश केंद्र की स्टार्टअप रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है।
प्रदेश सरकार ने इस नीति के अंतर्गत अनेक लक्ष्य निर्धारित किये है। अब प्रदेश के प्रत्येक जिले में इन्क्यूबेटर की स्थापना होगी। स्टार्टअप के लिए उपयुक्त स्थान की व्यवस्था की जाएगी। इस प्रकार की नीति योगी निवेश के मामले में भी बना चुके है। इसके लिए भूमि बैंक की स्थापना की गई थी। इसी तर्ज पर दस हजार स्टार्टअप की स्थापना के अनुकूल ईकोसिस्टम का सृजन किया जाएगा। भारत का सबसे बड़ा इन्क्यूबेटर लखनऊ में स्थापित किया जाएगा।यह नीति अधिसूचना की तिथि से पांच वर्षों के लिए वैध होगी। यह तीन वर्ष पहले बनी नीति का स्थान लेगी। उसे सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की स्टार्टअप इकाइयों के सन्दर्भ में बनाया गया था। इस समय उत्तर प्रदेश से अठारह सौ से अधिक स्टार्टअप इकाइयां पंजीकृत हैं।
स्टार्टअप इकाइयों के वित्तपोषण के लिए सिडबी के साथ एक हजार करोड़ रुपये के स्टार्टअप फण्ड की स्थापना तथा यूपी एन्जेल नेटवर्क की स्थापना की गई है। इन्क्यूबेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है। अब सभी प्रकार के उद्योगों हेतु समग्र स्टार्टअप नीति लागू होगी। सभी उपयुक्त क्षेत्रों में भी स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा। युवाओं को रोजगार आकांक्षी की जगह रोजगार प्रदाता बनाने में सहायक होगी। इससे बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
इसके अलावा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन का भी निर्णय लिया गया। यह कार्य राज्य के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। सरकार कौशल विकास के लिए प्रोत्साहन देने का भी कार्यक्रम संचालित करेगी।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री